Welcome to Kayastha Samaj.

About SKYPS Sanstha

व्यक्ति से समाज श्रेष्ठ है।

कायस्थ समाज की एक शीर्ष सभा हो जो समाज हित की प्रेरक सभा के रूप में रहें।

जो नियम समाज के हित में बाधा पहुँचाये या बाँटे वह नियम समाज विरोधी माना जायें।

कायस्थ समाज का ध्वज और पहचान चिन्ह एक ही हो जो समाज की परम्परा का प्रतिबिम्ब हो।

श्री चित्रगुप्त जी महाराज की कथा, पूजन विधि, एवं मन्दिरों का प्रचार - प्रसार हो। जिससें श्री चित्रगुप्त जी महाराज के महत्व को अन्य समाज भी समझ सकें।

कायस्थ समाज को एकरुपता प्रदान की जायें। जिससें समस्त कायस्थ बंधुओं को एकता की अनुभूति हो।

समाज के चित्रांश बंधुओं को सामाजिक गुणों का बोध करवा कर उनके तन मन चिंतन में सामाजिक चरित्र का निर्माण हो।

जब तक हम संगठित कायस्थ के रूप में अपने आपको संगठित करने के महत्व की अनुभूति नहीं करेंगे, जब तक कायस्थ नाम सुनते ही हमारे मन में एकता की शक्ति की विधुत तरंग न दौड़ जाए तब तक कायस्थ समाज कभी भी किसी प्रकार की सफलता प्राप्त नहीं कर सकता।

मैं चित्रगुप्त का वंशज हुँ, कायस्थ मेरी जाति हैं, समाज के प्रति मेरा दायित्व हैं, समाज उत्थान मेरा धर्म हैं, इन्हीं विचारों के साथ समाज को उन्नत करने की दिशा में निरन्तर प्रयत्नषील रहना प्रत्येक चित्रांश की भावना हो।

समाज के प्रत्येक कायस्थ बंधु को एक समृद्ध एवं सजग समाज बनाने का संकल्प दिलाएंगे कि हम स्वयं सक्रिय रहेंगे और समाज हितेषी, लगनशील एवं कर्मठ कायस्थ बन्धु को भी सक्रिय करेंगे।

कायस्थ समाज का मान अपमान मेरा निज का मान अपमान है। मैं समाज हित में सदैव सर्मपित रहुँगा और देश के सभी चित्रांश बन्धुओं और कायस्थ समाजों को एकता के सूत्र में बांधने के लिए सतत् प्रयत्नशील रहूँगा,की भावना से अपने कायस्थ बंधुओं को ओतप्रोत कर कायस्थ को संगठित करने का संकल्प लेंगें।

समाज को हानि दुष्टों की दुष्टता से कम तथा सज्जन व्यक्तियों की उदासीनता से अधिक होती है।
अतः अब मौन तोड़ो और समाज जोड़ो। स्वयं जागो और समाज को जगाओ।
और समाज को संगठित करने के लिए आगे आओ।

सर्वहितकारी संकल्प

जन-जन को विविध सर्वहितकारी सुख पहुंचाना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है। किसी को हानि पहुँचाना प्रयोजन नही है।

जो-जो पदार्थ सृष्टि क्रमानुकूल जिस-जिस प्रकार से अधिक उपकार में आते हैं, उन-उन से यथायोग्य सर्वहित सिद्ध करना इस समाज का परम पुरूषार्थ है।

जो-जो व्यक्ति सर्वहितकारी कार्यो में तन, मन, धन से सहायता करे वह-वह इस समाज में प्रतिष्ठा के योग्य होगा।

क्योंकि यह कार्य सर्वहितकारी है, इसलिए समाज सभी से सहयोग की पूरी आशा करती है।

सर्वहितकारी कार्यों को करने के लिए संकल्प दान कोष का निर्माण किया जायेगा और संकल्प दान कोष से किये जाने वाले सर्वहितकारी कार्यों का निश्चय सार्वदेशिक कायस्थ युवा प्रतिनिधि संस्था की कार्यकारणी बैठक में निश्चित किया जायेगा।

संकल्प दान कोष को एकृत करने के लिए संकल्पित सदस्य को दान पात्र (गुल्लख) उपलब्ध कराया जायेगा। जिससे वह प्रतिदिन सामर्थानुसार धन दान पात्र में डालेगा एवं दान पात्र भर जाने की स्थिति में उसमें एकृत राशि की गढ़ना कर अधिकृत सदस्य द्वारा प्राप्ति रसीद देकर राशि एकृत की जायेगी एवं दान पात्र पुनः उपलब्ध कराया जायेगा।

संकल्प दान कोष में जितना दान प्राप्त होगा वह सर्वहितकारी कार्यों में ही लगाया जायेगा। और जो कोई इस संकल्प दान कोष के लिए जो धन है, उसको चोरी से अपहरण करेगा वह पाप, पुण्य का लेखा जोखा रखने वाले धर्मराज श्री चित्रगुप्तजी महाराज समक्ष पाप का भागी होगा। और वे इस लोग और परलोक में महादुःख का भागी भी होगा।

संकल्प दान संकल्पित सदस्य द्वारा सीधे बैंक में सभा के खाते या सभा कार्यालय में जमा किया जा सकता है।

नवीन प्रयासों द्वारा एक सर्वहितकारी सजग सृजनात्मक समाज का गठन कर सर्वहितकारी नैतिक उत्थान अभियान चलाकर समाज की नई पहल नई व्यवस्था लाकर समाज को उत्कृष्ठ समाज बनायेंगे।

संकल्प दान कोष के लिए संकल्पित कायस्थ सदस्य को श्री चित्रगुप्त जी की कथा, आरती एवं स्तुति की जानकारी हो इस हेतु सम्बन्धित पुस्तक, साहित्य का वितरण करना।

उपर्युक्त उद्दश्यों की पूर्ति हेतु धर्मार्थ अथवा सर्वहित के लाभार्थ से कायस्थ सभा द्वारा अथवा स्वयं किसी सम्पत्ति को दान करना, उसे सुरक्षित रखना, उसे प्रयोग में लाना तथा उसके संबंध में समस्त आवश्यक उचित कार्यवाही करना ।

जो-जो जन समाज के अभीष्ट के विरुद्ध,स्वार्थी अवदोषों में प्रमत्त होकर समाज के लिए अनिष्ट कर्म करे, वह-वह इस सभा से संबंधित नही होगा।