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16 Apr, 2024
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सिविल सेवा परीक्षा UPSC - 2023 में टॉप करने वाले लखनऊ के आदित्य श्रीवास्तव को कायस्थ समाज वेब पोर्टल टीम ने दी बधाई

सिविल सेवा परीक्षा upsc - 2023 में टॉप करने वाले लखनऊ के आदित्य श्रीवास्तव को कायस्थ समाज वेब पोर्टल टीम ने दी बधाई 

संघ लोक सेवा आयोग (upsc) ने मंगलवार को सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन- 2023 का रिजल्ट जारी कर दिया। 1016 कैंडिडेट्स इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (ias), इंडियन पुलिस सर्विस (ips) और इंडियन फॉरेन सर्विस (ifs) के लिए चुने गए हैं। 180 ias और 200 ips अफसर बनेंगे।

लखनऊ के आदित्य श्रीवास्तव ने ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की है। आदित्य श्रीवास्तव ने अपनी पढ़ाई लखनऊ के प्राइवेट स्कूल cms की अलीगंज ब्रांच से की है। पिछले साल आदित्य की 216 रैंक थी। वे फिलहाल हैदराबाद की ips ट्रेनिंग एकेडमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। उनका परिवार लखनऊ के विकास नगर में रहता है। आदित्य ने 2014 में 12वीं की परीक्षा 98.4% अंक के साथ पास की थी।
आदित्य ने iit कानपुर से btech और mtech की डुअल डिग्री ली है। upsc की तैयारी शुरू करने से पहले उन्होंने इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी गोल्डमैन सैक्स में काम भी किया। उनके पिता अजय श्रीवास्तव भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (cag) में असिस्टेंट ऑडिटर हैं।

1016 कैंडिडेट में से टॉप 1 रैंक में आने वालेआदित्य के साथ ही कायस्थ समाज के लगभग 50 और भी लोगों ने  सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन अपनी रैंक बनायी है जिसकी सूची निम्नानुसार यही (नोट कुछ नाम के साथ सरनेम न होने के कारण और कुछ सरनेम एक सामान होने के कारण सूची में बदलाव संभव है )

1 आदित्य श्रीवास्तव
20 आकाश वर्मा
25 ऋतिका वर्मा
38 अनिमेष वर्मा
56 सुरभि श्रीवास्तव
98 मुस्कान श्रीवास्तव
102 शिवांग श्रीवास्तव
118 सिद्धार्थ श्रीवास्तव
150 रमेश चंद्र वर्मा
172 अभिज्ञानहजारिका
182 अनन्या श्रीवास्तव
202 अनुषा पिल्लै
207 दिया दासगुप्ता
208 अन्ना सिन्हा
227 ऋजु श्रीवास्तव
260 शिवांश अस्थाना
272 हर्षित वर्मा
276 ईशान भटनागर
327 आयुष श्रीवास्तव
426 अनुष्का सरकार
434 मनु वर्मा
444 गोब्बिल्ला कृष्ण श्रीवास्तव
455 मोनिका श्रीवास्तव
466 सौरव दास
482 आकाश श्रीवास्तव
511 आशीष वर्मा
521 हर्षित श्रीवास्तव
581 नयन रंजन दास
607 रोहित वर्मा
617 अंकित सिन्हा
803 प्रभाकर वर्मा
813 अंकेश वर्मा
846 गोपाल कृष्ण वर्मा
928 स्पर्श वर्मा
968 मयंक खरे
980 उर्वी वर्मा
982 सौरव दास
987 बिदीप्तो सरकार
992 कल्‍लूल हजारिका
1002 नेहा वर्मा
1006 गौरव कुमार मंडल
1008 निवेदिता चंद्र
1010 शुभ्रनील रॉय

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12 Apr, 2024
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पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ काव्य मंच पर बदायूँ , उत्तरप्रदेश से दीप्ति सक्सेना की रचना

मोरी कोरी चुनरिया, न रंग रसिया

मोरी कोरी चुनरिया, न रंग रसिया।
मोहे होरी पे कर तू, न तंग रसिया।

भोर में पहली पहर उठी रे,
पुलकित मन में लहर उठी रे।
पूजन थाल में भोग सजाऊँ,
होलिया में आखत डालन जाऊँ।
बीच गलियन में कर तू, न जंग रसिया।
मोहे होरी पे कर तू, न तंग रसिया।

रूप लावनी मेरो नीको,
रंग कान्हा को पक्को तीखो।
महंगी चुनर मथुरा से मंगाई,
रंगन को आतुर करत लराई।
हठ करे मनमौजी, मलंग रसिया।
मोहे होरी पे कर तू, न तंग रसिया।

भीजे अंगिया, भीजे चुनरिया,
भर पिचकारी रंग दे साँवरिया।
रंग में रंग दी चूनर कोरी,
करूँ मैया से शिकायत तोरी।
माँ जसोदा छरेंगी, अंग-अंग रसिया।
मोहे होरी पे कर तू, न तंग रसिया।

दीप्ति सक्सेना- बदायूँ , उत्तरप्रदेश 

 

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12 Apr, 2024
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पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ काव्य मंच पर भोपाल, मध्यप्रदेश से नितिका वर्मा की रचना

फागुनी बयार हो (गीत)

प्रियतम हो साथ में, फागुनी बयार हो ।
वासंती रंगों से रंजित संसार हो ।

ताड़न, प्रतिताड़न, उत्पीड़न की पीड़ाएँ-
हों विलीन, हों समाज में नित नाव क्रीड़ाएँ ।

मानवता के गले में खुशियों का हार हो ।
वासंती रंगों से रंजीत संसार हो ।

हिन्दू के गालों पर मुस्लिम रंग बिखराएँ,
प्रेम से जुड़ें सभी मनभेद-द्वेष बिसराएँ ।

आँखों में सबकी स्नेहिल मनुहार हो ।
वासंती रंगों से रंजित संसार हो । 

प्रियतम हो साथ में फागुनी बयार हो । 
वासंती रंगों से रंजित संसार हो । 


नितिका वर्मा - भोपाल, मध्यप्रदेश 

 

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12 Apr, 2024
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संकल्प दान चित्रगुप्त वंश हितार्थ दैनिक दान योजना

संकल्प दान

चित्रगुप्त वंश हितार्थ दैनिक दान योजना

संकल्प दान अभियान का दान-पात्र कायस्थ समाज के ऐसे परिवारों में दिया जायेगा l जो चित्रगुप्त वंश हितार्थ दान के संकल्प की राशि प्रतिदिन नियमित रूप से दान -पात्र में एकृत कर श्री चित्रगुप्त दैनिक संकल्प दान अभियान के सहभागी बनेंगें। संकल्प दान के लिए दान पात्र संस्था द्वारा निःशुल्क प्रदान किया जाता है। किन्तु दान पात्र रखने वाले परिवार के व्यक्ति को एक संकल्प-पत्र भर कर देना होगा और संकल्प पत्र में लिखे नियम का पालन करने का वचन देना होगा।

संकल्प दान के लिए सबसे पहले आपको संकल्प दान-पात्र (गुल्लक) लेना है l संकल्प दान-पात्र को अपने पूजा घर के पास भगवान् श्री चित्रगुप्त जी का ध्यान कर ॐ यमाय धर्मराजाय श्री चित्रगुप्ताय वै नमः बोल कर रखे ओर उस पात्र में दान राशि हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख कर के दान करें। ऐसा करने से दान देने वाले को उसका कई गुना अधिक फल मिलता है 

संकल्प दान सार्वजनिक मंदिरों के लिए ही नहीं, अपितु चित्रगुप्त जी के मंदिर पूजास्थलों, चित्रगुप्त समाज के जरूरतमंदों के हितार्थ होना चाहिए।

संकल्प दान-पात्र (गुल्लक) सार्वदेशिक कायस्थ युवा प्रतिनिधि संस्था द्वारा निःशुल्क दी जाती है l जो संस्था के किसी भी सदस्य से संपर्क कर प्राप्त की जा सकती हैं l

संकल्प - पत्र

ॐ यमाय धर्मराजाय श्री चित्रगुप्ताय वै नमः

मैं संकल्प लेता हूँ कि, मैं अपने आराध्यदेव भगवान् श्री चित्रगुप्त जी महाराज के मंदिर धर्मार्थ अथवा चित्रगुप्त समाज के जरूरतमंदों के हितार्थ अथवा सर्व हितकारी कार्यों के लिए प्रतिदिन रुपये    /- अथवा अपने एवं अपने परिवारजन के जन्मदिवस, वर्षगांठ, पूर्वजों की स्मृति में, विशेष अवसर पर, तीज-त्योहार एवं स्वेक्छा से अपने सामर्थानुसार संकल्प दान-पात्र में धन एकृत करूँगा एवं दान-पात्र भर जाने की स्थिति में उसमे एकृत राशि को आराध्यदेव भगवान् श्री चित्रगुप्त जी महाराज के मंदिर में अथवा चित्रगुप्त समाज के जरूरतमंदों के हितार्थ अथवा सर्व हितकारी कार्यों के लिए दान करूँगा l

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12 Apr, 2024
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कायस्थ समाज की प्रेरणादायक कहानी के श्रंखला में पढ़िए - अंतिम प्रयास

यशवर्धन श्रीवास्तव, भोपाल 

एक समय की बात है। कश्मीर में चित्रगुप्तवंशीय प्रतापी राजा ललितादित्य राज करता था। एक दिन उसके दरबार में एक विदेशी आगंतुक आया और उसने राजा को एक सुंदर पत्थर उपहार में दिया। राजा वह पत्थर देख बहुत प्रसन्न हुआ। उसने उस पत्थर से भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा का निर्माण कर उसे राज्य के मंदिर में स्थापित करने का निर्णय लिया और प्रतिमा निर्माण का कार्य राज्य के महामंत्री को सौंप दिया।

महामंत्री गाँव के सर्वश्रेष्ठ मूर्तिकार के पास गया और उसे वह पत्थर देते हुए बोला, “महाराज मंदिर में भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित करना चाहते हैं। सात दिवस के भीतर इस पत्थर से भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा तैयार कर राजमहल पहुँचा देना। इसके लिए तुम्हें 50 स्वर्ण मुद्रायें दी जायेंगी।” 50 स्वर्ण मुद्राओं की बात सुनकर मूर्तिकार ख़ुश हो गया और महामंत्री के जाने के उपरांत प्रतिमा का निर्माण कार्य प्रारंभ करने के उद्देश्य से अपने औज़ार निकाल लिए। अपने औज़ारों में से उसने एक हथौड़ा लिया और पत्थर तोड़ने के लिए उस पर हथौड़े से वार करने लगा। किंतु पत्थर जस का तस रहा। मूर्तिकार ने हथौड़े के कई वार पत्थर पर किये, किंतु पत्थर नहीं टूटा।

पचास बार प्रयास करने के उपरांत मूर्तिकार ने अंतिम बार प्रयास करने के उद्देश्य से हथौड़ा उठाया, किंतु यह सोचकर हथौड़े पर प्रहार करने के पूर्व ही उसने हाथ खींच लिया कि जब पचास बार वार करने से पत्थर नहीं टूटा, तो अब क्या टूटेगा। वह पत्थर लेकर वापस महामंत्री के पास गया और उसे यह कह वापस कर आया कि इस पत्थर को तोड़ना नामुमकिन है। इसलिए इससे भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा नहीं बन सकती। महामंत्री को राजा का आदेश हर स्थिति में पूर्ण करना था। इसलिए उसने भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा निर्मित करने का कार्य गाँव के एक साधारण से मूर्तिकार को सौंप दिया। पत्थर लेकर मूर्तिकार ने महामंत्री के सामने ही उस पर हथौड़े से प्रहार किया और वह पत्थर एक बार में ही टूट गया। पत्थर टूटने के बाद मूर्तिकार प्रतिमा बनाने में जुट गया। इधर महामंत्री सोचने लगा कि काश, पहले मूर्तिकार ने एक अंतिम प्रयास और किया होता, तो सफ़ल हो गया होता और 50 स्वर्ण मुद्राओं का हक़दार बनता।

सीख
मित्रों, हम भी अपने जीवन में ऐसी परिस्थितियों से दो-चार होते रहते हैं। कई बार किसी कार्य को करने के पूर्व या किसी समस्या के सामने आने पर उसका निराकरण करने के पूर्व ही हमारा आत्मविश्वास डगमगा जाता है और हम प्रयास किये बिना ही हार मान लेते हैं। कई बार हम एक-दो प्रयास में असफलता मिलने पर आगे प्रयास करना छोड़ देते हैं। जबकि हो सकता है कि कुछ प्रयास और करने पर कार्य पूर्ण हो जाता या समस्या का समाधान हो जाता। यदि जीवन में सफलता प्राप्त करनी है, तो बार-बार असफ़ल होने पर भी तब तक प्रयास करना नहीं छोड़ना चाहिये, जब तक सफ़लता नहीं मिल जाती। क्या पता, जिस प्रयास को करने के पूर्व हम हाथ खींच ले, वही हमारा अंतिम प्रयास हो और उसमें हमें कामयाबी प्राप्त हो जाये।

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08 Apr, 2024
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पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ महिला काव्य मंच पर उषा सक्सेना, भोपाल की रचना - नारी शक्ति

नारी शक्ति

नारी शक्ति का स्वयं
ही,असीमित स्त्रोत है
देव भी जिसकी शरण
में आकर,पाते मोक्ष हैं
शक्ति है जिसके बिना 
शिव हैं यहाँ शव सदा।
यदि वह कहे निर्बल हूँ 
तो,शक्तिवान फिर कौन ?
नारी ही तो जननी बनकर
जन्म पुरुष को देती है।
संस्कार की घुटी पिलाकर
वह उसका पोषण करती ।
माँ के आँचल में पल कर
संतान बड़ी जब होती है 
तब भी माता की निगाह 
सदा उस पर ही होती है।
अपने अधिकारों की रक्षा 
स्वयं यहाँ करना होता है 
सहधर्मिणी बन साथ सदा 
वह अपने साथी के होती 
साथी से दासी बन जाना 
उसकी अपनी निर्बलता 
 जगजननी बन जो आई
उत्थान उसे सबका करना 
उसका उद्धारक कृष्ण नही 
अब इस जग में आने वाले, 
अपनी शक्ति के बल पर ही
जग में नारी को ही उठना

उषा सक्सेना - भोपाल

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08 Apr, 2024
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पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ काव्य मंच पर भोपाल, मध्यप्रदेश से नम्रता सरन "सोना" की रचना- रंग दे पिया

रंग दे पिया

होली आई रे पिया,
मस्ती छाई रेे पिया
अंग अंग फरकन लगे,
ऐसी यादें लाई रे पिया l

अबीर गुलाल  दहके अंग
गोरी मुख पर लाज का रंग
अल्हड यौवन कोरा मन
नाचे होकर मस्त मलंग
झूमे धरती  ,गाए अंबर
पुनीत प्रेम की पीके भंग
प्रणय मिलन पिया के संग
उड़ा लाल गुलाबी पीला रंग l

फाग फागुन रितुु बसंत
ढोल मंजीरे और मृदंग
उपवन मे झूले मकरंद
पकी फसल झूमे मंदमंद
रोम रोम भयो गुलाबी 
चहुँ ओर छाए आनन्द l

तुमरे रंग मे रंगा है मन
कब आओगे बैरी सजन
धूल उडाती चली पवन
राह तकते थके नयन
रंग रंग भी कहत रहे
आके रंग दे मोरा मन l

नम्रता सरन "सोना"
भोपाल, मध्यप्रदेश.

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08 Apr, 2024
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पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ काव्य मंच पर स्वास्थ्य दिवस पर आधारित उषा सक्सेना, भोपाल की रचना

स्वास्थ्य दिवस पर

तन सुंदर तो मन भी सुंदर‌ है 
तन के अंदर ही मन रहता 
योग नियोग निरोगी काया 
जिसमें है सब कुछ अर्पण ।


प्रात:काल है ब्रह्ममुहुर्त  का
उसमें ही जग जाग्रत होता 
जो सोता रहता है उस समय
वह अपना सब कुछ खोता है।


समय नहीं अनुकूल धैर्य धर 
जो धीरज को धारण करता 
धैर्यवान होकर वह सब कुछ
अपना मनचाहा फिर पालेता ।


स्वास्थ्य नियम पालन करना
ऋतुओं के अनुकूलन चलना
शुद्ध आचरण का व्यवहार
सिखलाता है आचार विचार।

उषा सक्सेना - भोपाल

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07 Apr, 2024
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सार्वदेशिक कायस्थ युवा प्रतिनिधि संस्था के होली मिलन एवं हिन्दू नव वर्षा के स्वागत उत्सव में कायस्थ समाज के लिए दान का संकल्प

सार्वदेशिक कायस्थ युवा प्रतिनिधि संस्था के होली मिलन एवं हिन्दू नव वर्षा के स्वागत उत्सव में कायस्थ समाज के लिए दान का संकल्प सभी को मिले दान पात्र लिया सामूहिक संकल्प 
 सार्वदेशिक कायस्थ युवा प्रतिनिधि संस्था के प्रमुख वेद आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि संस्था द्वारा आयोजित होली मिलन एवं हिन्दू नव वर्षा के स्वागत उत्सव में कायस्थजनों को सामूहिक संकल्प लिया कि मैं अपने एवं अपने परिवारजनों के जन्मदिवस, वर्षगांठ, विशेष अवसर, तीज त्योहारों पर, पूर्वजों की स्मृति में एवं स्वेक्छा से अपने सामर्थानुसार धन संकल्प दान-पात्र में एकृत कर उसमें एकृत राशि को अपने आराध्यादेव भगवान् श्री चित्रगुप्त जी महाराज के मंदिर धर्मार्थ अथवा कायस्थ समाज सर्वहितकारी कार्यों में ही दान करूँगा l संकल्पदान को एकृत करने के लिए संकल्पित सदस्य को दान-पात्र (गुल्लख) सार्वदेशिक कायस्थ युवा प्रतिनिधि संस्था द्वारा उपलब्ध कराया गया। सामाजिक सरोकार निभाते हुए कायस्थ समाज के जरूरतमंद विद्यार्थियों की पढ़ाई में मदद के लिए एक संकल्प दान अभियान  शुरू किया गया है।  इसका उद्देश्य घर-घर से जमा की गई राशि का उपयोग समाज के जरूरतमंद विद्यार्थियों की पढ़ाई पर खर्च करना है। आवश्यकतानुसार दान राशि मिलने पर छात्र छात्राओं को किताब, कॉपी के अतिरिक्त यूनीफॉर्म और स्कूल की फीस के लिए भी राशि दी जाएगी । संस्था अध्यक्ष शैलेंद्र निगम ने बताया कि डिजिटल दान पात्र के तहत दानदाता क्यूआर कोड, युपीआई, वेबलिंक के माध्यम से अपना डिजिटल दान पात्र खाता (अकॉउंट) बना सकेंगे l जिसमें उन्हें जरूरतमंद लोगो की सूची दिखाई देगी जिससे वो अपनी इच्छानुसार सीधे जरूरतमंद की मदद कर सकेंगें l  डिजिटल दान के लिए गुल्लक पर क्यूआर कोड लगाया गया है यह कोई भी व्यक्ति दान पात्र पर लगे क्यूआर कोड  स्केन कर सीधे डिजिटल दान पात्र में दान कर सकेंगें । इस अवसर कायस्थ समाज ने अपने आराध्यादेव भगवान् श्री चित्रगुप्त जी कि महाआरती कि सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए जिसमे सुप्रसिद्ध गायिका शोभना प्रधान ने होली के गई गाये, वही संजय श्रीवास्तव, विभा श्रीवास्तव, प्रदीप श्रीवास्तव ने भी अपनी प्रस्तुति दी महिलाओं ने फूलों की होली खेली साथ ही लोकतंत्र के उत्सव में शत प्रतिशत मतदान मतदान करने कि शपथ भी दिलाई गयी इस अवसर पर पूर्व संसद आलोक संजर, अजय श्रीवास्तव नीली, संजीव सक्सेना, मोनू सक्सेना, सुशिल श्रीवास्तव, किरण संजर, ऋतुप्रिया खरे, सहित भरी संख्या में कायस्थजन उपस्थित थे

Km
03 Apr, 2024
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पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ महिला काव्य मंच पर भोपाल, मध्यप्रदेश से हंसा श्रीवास्तव की रचना

होली खेलन नंदलाल

होली खेलन नंदलाल आज बरसाने आऐ 
 रंग  लगाने घन श्याम ,आज बरसाने आये ।

संग ग्वालों की  चल रही टोली 
,हल्ला मचा रहे सब हम चोली 
उड़े अबीर ,गुलाल लगाने आऐ ।
रंग लगाने घनश्याम  ,आज बरसाने आऐ

हाथों में उनके पिचकारी ,
गोपी पर रंग भर भर डारी
हुरियारी आजमचाने आऐ
रंग लगाने घनश्याम आज बरसाने आऐ।

 राधा संग करते बरजौरी 
आज तुम्हें न छोड़े गोरी 
भरी रंग की नाद डुबाने आऐ 
रंग लगाने घन श्याम आज बरसाने आऐ।


राधा हम तुम्हें  रंग देगे 
तुमरी सब सखियों  को रंग देगे 
बूढ़ी हो या बारी होली मनाने आऐ 
रंग लगाने घनश्याम आज बरसानेआऐ 

हंसा श्रीवास्तव 'हंसा भोपाल, मध्यप्रदेश'

Km
03 Apr, 2024
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पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ काव्य मंच पर भोपाल, मध्यप्रदेश से डॉ. रेणु श्रीवास्तव की रचना

होली हमजोली
  
पलास का वर्ण रक्तिम हुआ
फाग का उत्सव अब शोभित हुआ

होली के रंग लगते सब प्यारे 
कुंज गलिन में राधा कान्हा न्यारे 

रंग है मस्ती का खुश हो मनाते
हरा लाल नीला पीला सब अपनाते

फागुन की बहार में झूम रहा मन
रंग बरसे प्रेम का आतुर है तन

होली के रंग देख विरहिणी बोले
अब आ जा साजन मन मेरा डोले 

मन अब ना माने कावा काशी 
बस मानवता के रंग में रंगे धरा वासी 

होली के रंग में प्रेम भी मिलाना 
हरा पीला रंग सब लगेगा सुहाना 

सुहानी धरा में सब रंग भी  मिलेंगे 
सरसों पलास हरित पर्ण भी खिलेंगे 

होली के रंग में कान्हा रंगे रहे अरसों से
रेणु कहे बृज होली दरश मुराद पूरी बरसों से 


  डॉ रेणु श्रीवास्तव, भोपाल, मध्यप्रदेश

 

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Ved Ashish
03 Apr, 2024
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भारत के कायस्थ युवाओं के लिए कायस्थ युवा गौरव सम्मान 2024 

कायस्थ युवा गौरव सम्मान 2024 भारत के कायस्थ युवाओं के लिए कायस्थ युवा गौरव सम्मान सार्वदेशिक कायस्थ युवा प्रतिनिधि संस्था द्वारा चित्रांश चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स एवं कायस्थ समाज वेब पोर्टल www.kayasthasamaj.in के सहयोग से कायस्थ युवाओं को दिया जाने वाला राष्ट्रीय श्रेणी का सम्मान है l यह सम्मान उन युवाओं को दिया जाता है जिन्होंने सामाजिक क्षेत्रों में कायस्थ समाज का गौरव बढ़ाया है और अंतरराष्‍ट्रीय स्तर पर कायस्थ समाज को गौरवान्वित किया है। कायस्थ युवा गौरव सम्मान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पात्र युवाओं की जानकारी देने की अंतिम तिथि 20 अप्रेल 2024, अधिक जानकारी आप हमें व्हाट्सएप्प नम्बर 9111003337 पर संपर्क कर सकते हैं l कायस्थ युवा गौरव सम्मान के लिए कृपया फार्म को ध्यान पूर्वक देखें सभी विशिष्टियां (कॉलम) सही एवं स्पष्ट भरें । जानकारी भरने में आपका मात्र दो मिनिट का समय अवश्य लगेगा परन्तु इससे कायस्थ समाज को आपका महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। कायस्थ युवा गौरव सम्मान के प्रपत्र (फार्म) में जानकारी भरने पर कोई सदस्यता शुल्क नहीं है अभियान पूर्णता नि:शुल्क है।

Km
02 Apr, 2024
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पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ काव्य मंच पर भोपाल, मध्यप्रदेश से संतोष श्रीवास्तव की रचना

प्रेम रंग की होली

तुमने आज पुकारा मुझको
हो गए हर पल रंग सुनहरे
भीगा मन का तार तार 
और रंग गई सांझ सकारे होली

टेसू के फूलों ने रंग दी 
चूनर मेरी झीनी झीनी
पुरवईया फागुन की लाई 
फाग सुरीले ,गीत रसीले 
भंवरों की टोली ने खेली
फागुन के फूलों से होली

उड़त गुलाल पीत रंग छाया 
बेसुध कर गई भांग नशीली 
कैसी तान ये छेड़ी प्रीतम 
खुद मतवाली हो गई होली

रंग न जाने हिंदू-मुस्लिम 
रंग न जाने काबा काशी
रंग उतर आते जब दिल में 
रूहानी हो जाती होली

अब के बरस के फागुन में 
बस यही दुआ है प्रभु तुझसे 
मिट जाए नफरत की खाई 
तब मने प्रेम रंग की होली

संतोष श्रीवास्तव भोपाल, मध्यप्रदेश

 

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02 Apr, 2024
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पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ काव्य मंच पर उत्तरप्रदेश से श्वेता श्रीवास्तव की रचना

होली आयी

होली आयी होली आयी,
रंग रंगीली होली आयी,
सतरंगी रंगों से लिपटी,
रंगों का त्योहार है आयी...

अपनों में ये प्यार बढ़ाने,
गैरों को भी गले लगाने,
आया सबमें प्यार लुटाने,
सबको रंग का खेल सिखाने...

होली आयी होली आयी,
रंग रंगीली होली आयी,
गोरे काले का भेद मिटाने,
सब पर अपना रंग चढ़ाने...


रंग के हैं रंग निराले,
गुझिया से स्वाद बढ़ाने,
हर तरफ गुलाल उड़े है,
आपस में बस प्यार बढ़े हैं...


होली आयी होली आयी,
रंग रंगीली होली आयी,
रंगों का त्योहार है आयी,
खुशियो का बौछार है लायी...

देव भूमि में उठी उमंगे,
रंगों के त्योहार पे...
हर तरह बस रंग उड़े है,
भक्तों के सैलाब के...


होली आयी होली आयी,
रंग रंगीली होली आयी,
घर को खुशियो से सजाने,
अपनों को है ये घर ले आयी...


बच्चे बुढ़े सभी रंगे है,
सतरंगी रंगों के रंग में,
आसमान भी रंगीन हो गया,
रंगों से लिपटी रंगभूमि देख के...

श्वेता श्रीवास्तव उत्तरप्रदेश 

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Km
02 Apr, 2024
Magazine

पढ़िए अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ काव्य मंच पर भिलाई, छत्तीसगढ़ से मिताली श्रीवास्तव वर्मा की रचना

होली गीत

गली गली में घूम रही,
मस्तानों की टोली जी।
पिचकारी मे रंग भरा है,
भर रंगो की झोली जी।
बच के..................होली जी।

 नीले पीले लाल गुलाबी,
 रंग जाये बरसाने की छोरी जी।
भर भर थाल रंग सजा के,
खेले कान्हा होली जी।
बच के ............. होली जी।

ढोल नगाड़े बजा रहे,
झूम रहे है टोली जी।
गीत सुनाएं मधुर तान,
बोले मीठे प्रेम की बोली जी।
बच के ............. होली जी।

 होली लेकर फागुन आया ,
मुस्काइ अंबिया मोरी जी।
धरती अम्बर लगे है ऐसे,
पिया के संग हो गोरी जी।
बच के ............. होली जी।


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मिताली श्रीवास्तव वर्मा
भिलाई छत्तीसगढ़

 

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