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26 Jan, 2025
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समस्त देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें

गणतंत्र दिवस, जो प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है, भारतीय इतिहास में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। यह दिन 1950 में भारत के संविधान के लागू होने के बाद पहली बार मनाया गया, जब हमारे देश ने अपनी स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद लोकतांत्रिक तरीके से अपने शासन व्यवस्था का निर्माण किया। यह दिन भारतीय राष्ट्रीयता और लोकतंत्र की शक्तियों को प्रदर्शित करने का प्रतीक है।

26 जनवरी 1950 को जब डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और राष्ट्रीय ध्वज फहराया, तो यह घटना देशवासियों के लिए गर्व का क्षण था। इसके साथ ही भारतीय संविधान को लागू करने का सफर शुरू हुआ, जिससे नागरिकों को उनके मूल अधिकार, स्वतंत्रता, और समानता सुनिश्चित हुई। यह संविधान एक मजबूत लोकतांत्रिक प्रणाली का आधार बना, जिसमें भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझने का मौका मिला।

गणतंत्र दिवस सिर्फ एक राष्ट्रीय अवकाश नहीं है, बल्कि यह हमें हमारे संविधान, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, और लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को याद दिलाता है। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत है।

गणतंत्र दिवस का यह पर्व हमें यह याद दिलाता है कि हम सभी भारतीय नागरिक हैं और हमें अपने संविधान के तहत दिए गए अधिकारों का सही उपयोग करना चाहिए ताकि हम अपने देश की प्रगति में योगदान दे सकें।

वेद आशीष श्रीवास्तव

युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष

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21 Jan, 2025
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कायस्थ गौरव, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी बोस जी को उनकी पुण्यतिथि पर सादर श्रद्धासुमन

कायस्थ गौरव : रास बिहारी बोस का जन्म बंगाल के एक कायस्थ परिवार में 25 मई 1886 को हुआ था। बोस काफी कम उम्र में साल 1905 में ही क्रांतिकारी गतिविधियों से जुड़ गए थे। एक बार बोस गवर्नर जनरल लॉर्ड चार्ल्स हार्डिंग की हत्या करने का मन बना चुके थे। यह 23 दिसंबर 1912 का दिन था। इस दिन लार्ड चार्ल्स हार्डिंग पहली बार कोलकाता आने वाले थे।

बंगाल के युवा क्रांतिकारी बसंत कुमार विश्वास को बम फेंकने की जिम्मेदारी दी गई। योजना थी कि लॉर्ड हार्डिंग हाथी पर बैठकर आएंगे और इतनी ऊंचाई पर सिर्फ बसंत कुमार विश्वास ही बम फेंक सकते हैं। जब गवर्नर जनरल की सवारी निकली तो चांदनी चौक पर रास बिहारी और बसंत कुमार पहले से मौजूद थे। बम फेंका गया और जोरदार विस्फोट से इलाके में भगदड़ मच गई।

घटना के बाद सभी को लगा कि हॉर्डिंग की मौत हो गई, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हार्डिंग घायल हुए और उनका हाथी मारा गया। रास बिहारी की ये कोशिश नाकाम हुई। इसके तुरंत बाद वो देहरादून लौट आए और सुबह ऑफिस जाकर पहले की तरह काम करने लगे।

गिरफ्तारी का खतरा देख जापान चले गए बोस उस समय फॉरेस्ट रिसर्च सेंटर, देहरादून में क्लर्क की नौकरी करते थे। हार्डिंग की जान को खतरा देखकर अंग्रेजी हुकूमत ने क्रांतिकारियों की धरपकड़ शुरू कर दी। गिरफ्तारी का खतरा देख बोस जापान चले गए। अंग्रेज सरकार उनके पीछे पड़ गई। इस दौरान बोस ने जापान में 17 ठिकाने बदले। उन्हें जापान के एक ताकतवर नेता ने अपने घर में छुपाया। 21 जनवरी 1945 को उनका निधन हो गया।

आजाद हिंद फौज की कमान सुभाष चंद्र बोस को सौंपी अगर आजाद हिंद फौज की बात की जाए, तो सबसे पहले दिमाग में सुभाष चंद्र बोस का ख्याल आता है, लेकिन इस सेना को बनाने में भी रास बिहारी का बड़ा रोल था। 1943 में सुभाष चंद्र बोस भारत छोड़कर जर्मनी पहुंचे। रास बिहारी ने सुभाष चंद्र को बैंकॉक लीग की दूसरी कॉन्फ्रेंस में बुलाया। 20 जून को सुभाष चंद्र टोक्यो पहुंचे।

5 जुलाई को नेताजी का वहां जोरदार स्वागत हुआ। उस समय रास बिहारी इंडियन इंडिपेंडेंस लीग के प्रेसिडेंट थे। उन्होंने लीग और इंडियन नेशनल आर्मी की कमान नेताजी को सौंप दी। इसके बाद रास बिहारी उनके सलाहकार की भूमिका में रहे। रास बिहारी को जापान सरकार ने अपने दूसरे बड़े अवॉर्ड ऑर्डर ऑफ द राइजिंग सन से सम्मानित किया था।

रूस के क्रांतिकारी नेता व्लादिमीर लेनिन का निधन लेनिन का असली नाम व्लादिमीर इलीइच उल्यानोव था। वे एक रूसी साम्यवादी क्रांतिकारी और राजनेता थे। मार्क्सवादी विचारधारा के ध्वजवाहक रहे लेनिन को बोल्शेविक क्रांति का नेता माना जाता था। जार सरकार के विरोध में उन्हें कजन इंपीरियल यूनिवर्सिटी से निकाल दिया गया था। इसके बाद लेनिन ने कानून की शिक्षा हासिल की।

साल 1889 में मार्क्सवादियों का संगठन बनाया। क्रांतिकारी गतिविधियों के चलते उन्हें जेल जाना पड़ा। 21 जनवरी 1924 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनके शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया। उनकी बॉडी को एम्बाम (रासायनिक तरीके से संरक्षित) किया गया है। उनकी बॉडी आज भी मॉस्को के रेड स्क्वॉयर में रखी हुई है।

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26 Nov, 2024
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कायस्थ समाज की आवाज उठाते हुए वेद आशीष श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री को भेजे ईमेल में, संविधान दिवस के विज्ञापन में डॉ. राजेंद्र प्रसाद की तस्वीर न होने पर जताई आपत्ति

नई दिल्ली: अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनूप श्रीवास्तव (रिटायर irs) की आवाज को बुलंद करते हुए युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष वेद आशीष श्रीवास्तव ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी संविधान दिवस के विज्ञापन में संविधान सभा के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की तस्वीर का गायब होना लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। वेद आशीष ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को ईमेल भेजकर इस मामले में जानकारी दी और चिंता व्यक्त की कि यदि डॉ. राजेंद्र प्रसाद की तस्वीर को जानबूझकर विज्ञापन से हटाया गया है, तो यह कायस्थ समाज का अपमान है और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम एवं संविधान निर्माण में कायस्थों के योगदान को नकारने की कोशिश की जा रही है।

वेद आशीष ने पत्र में कहा, "कायस्थ समाज को लगातार भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। संविधान दिवस के अवसर पर भारतीय संविधान के निर्माता और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद का नाम और चित्र विज्ञापन से हटा दिया गया है, जो समाज के लिए अपमानजनक है।" उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर और सरदार पटेल के साथ-साथ डॉ. राजेंद्र प्रसाद को भी समान सम्मान मिलना चाहिए, क्योंकि उन्होंने भारतीय संविधान की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

उन्होंने यह स्पष्ट किया कि संविधान के निर्माण में डॉ. राजेंद्र प्रसाद के अलावा कई अन्य महापुरुषों ने भी योगदान दिया था, जिनमें डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा, श्री राम व्योहार सिन्हा, श्री वसंत कृष्ण वैध, श्री प्रेम बिहारी रायज़ादा, और श्री जगत नारायण लाल शामिल थे। इन महापुरुषों ने भारतीय संविधान के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई थीं। वेद आशीष ने प्रधानमंत्री से अपील की कि "कायस्थ समाज का योगदान राजनीति के तराजू पर न तोला जाए और उन्हें उनका वास्तविक सम्मान और अधिकार दिया जाए।"

वेद आशीष ने आगे कहा, "आज कायस्थ समाज को अपनी स्थिति सुधारने के लिए संगठित रहने की आवश्यकता है। अगर हम अपनी आवाज नहीं उठाएंगे, तो हम अपने गौरवपूर्ण इतिहास को खो देंगे।" उन्होंने संविधान दिवस पर समूचे कायस्थ समाज से अपील की कि वे एकजुट हों और समाज के प्रति हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं। उनका मानना है कि "अगर कोई समाज अपने अधिकारों के लिए आवाज नहीं उठाता, तो वह समाज धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है।"

इस ईमेल के माध्यम से वेद आशीष ने प्रधानमंत्री से यह भी आग्रह किया कि भारत सरकार कायस्थ समाज के योगदान को उचित रूप से मान्यता दे और उनका मूल अधिकार न केवल संविधान के संदर्भ में, बल्कि अन्य सभी क्षेत्रों में भी सुनिश्चित किया जाए।

वेद आशीष ने इस अवसर पर संविधान दिवस की शपथ लेने की अपील की, जिसमें कायस्थ समाज एकजुट होकर अपनी एकता और सम्मान को प्रदर्शित करें। इस मुद्दे पर समाज के विभिन्न वर्गों ने वेद आशीष के बयान का समर्थन किया है, और अब यह मामला प्रमुख सामाजिक और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन चुका है।

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26 Nov, 2024
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वेद आशीष श्रीवास्तव बने अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने वेद आशीष श्रीवास्तव को अपनी युवा शाखा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया है। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनुप श्रीवास्तव (आईआरएस, सेवानिवृत्त) ने इस नियुक्ति की घोषणा करते हुए कहा कि वेद आशीष का समाज के प्रति समर्पण और उनकी नेतृत्व क्षमता महासभा की युवा शाखा को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

वेद आशीष श्रीवास्तव की इस नियुक्ति पर वरिष्ठ संपादक महेश श्रीवास्तव, सेवानिवृत्त आईएएस मनोज श्रीवास्तव, पूर्व सांसद डॉ. आर.के. सिन्हा, पूर्व सांसद आलोक संजर, स्वामी चक्रपाणि महाराज, फिल्म निर्देशक राजकुमार संतोषी और अभिनेता अतुल श्रीवास्तव ने उन्हें अपने आशीर्वाद और शुभकामनाएं दी हैं।

महासभा को विश्वास है कि वेद आशीष श्रीवास्तव के नेतृत्व में कायस्थ समाज नई ऊंचाइयों को छुएगा और युवाओं के बीच एकता और जागरूकता बढ़ेगी।
 

वेद आशीष श्रीवास्तव का जीवन परिचय

वेद आशीष श्रीवास्तव, एक युवा समाजसेवी, उद्यमी, और कायस्थ समाज के सम्मानित प्रतिनिधि हैं। वे अपनी उम्र के छोटे से दौर में ही समाज की सेवा में गहरी छाप छोड़ चुके हैं। उनका जीवन समाज के प्रति समर्पण और कार्य के प्रति निष्ठा का प्रतीक है।

वेद आशीष का जन्म भोपाल, मध्यप्रदेश में हुआ। वे अपने घर में "रानू" के नाम से प्रसिद्ध हैं। उनके पिता जीवनदानी आर्य समाजी थे, जिन्होंने समाजसेवा के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उनके दादा, स्वर्गीय श्री रज्जूलाल श्रीवास्तव, जिन्हें दीवान साहब के नाम से जाना जाता था, एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। उनका परिवार पुराने भोपाल के मारवाड़ी रोड स्थित एक निजी कोठी में रहता था, जिसे दादा ने लालवानी प्रेस को बेच दिया था, और वह अब लालवानी प्रेस रोड के नाम से जाना जाता है।

वेद आशीष ने अपनी सामाजिक यात्रा 17 वर्ष की आयु में शुरू की। उन्होंने 1991 से विभिन्न सामाजिक संस्थाओं में सक्रिय योगदान देना शुरू किया। 1996 से वे सक्रिय रूप से सामाजिक कार्यों में भाग ले रहे हैं और विभिन्न संस्थाओं के दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने स्वयं सेवी संगठन आसरा लोक कल्याण संस्था की स्थापना की, जिसके माध्यम से उन्होंने कई सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों का आयोजन किया। वे आलोकसभा का आनंद उत्सव और पुरानी किताबों का अपना घर किताब घर के प्रेणता भी हैं। इसके अलावा, उन्होंने कायस्थ समाज के लिए एक बहुउपयोगी वेब पोर्टल का निर्माण किया है।

वेद आशीष श्रीवास्तव का सामाजिक योगदान विशेष रूप से कायस्थ समाज को डिजिटल रूप में एकजुट करने में महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने कायस्थसमाज.इन, कायस्थन्यूज.इन, और कायस्थसमाजशादी.कॉम जैसे डिजिटल प्लेटफार्म स्थापित किए हैं, जो समाज के लोगों को संगठित करने और संसाधनों को साझा करने में सहायक साबित हुए हैं।

वे एक उद्यमी और फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। उनके समाजसेवा के प्रति समर्पण का एक उदाहरण यह है कि वे अपनी आय का 10% हिस्सा समाज की भलाई के लिए दान करते हैं। उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप, अब तक 1 लाख से अधिक कायस्थ परिवारों को एकजुट किया जा चुका है, जिनमें प्रशासन, कला और फिल्म उद्योग से जुड़ी कई प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल हैं।

वेद आशीष श्रीवास्तव के वर्तमान और पूर्व पद:

  1. संस्थापक – अधिष्ठाता, सार्वदेशिक कायस्थ युवा प्रतिनिधि संस्था, मध्य प्रदेश
  2. निर्माणकर्ता – कायस्थ समाज वेब पोर्टल (www.kayasthasamaj.in, www.kayasthasamajshaadi.com, www.kayasthanews.in)
  3. अध्यक्ष – प्रबधसंचालक, आसरा लोक कल्याण को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड
  4. व्यवस्थापक – श्री चित्रगुप्त मंदिर 1100 आवास गृह, भोपाल
  5. अध्यक्ष – आसरा लोक कल्याण क्रय-विक्रय सहकारी समिति मर्यादित
  6. मुख्यालय आयुक्त – भारत स्काउट्स एवं गाइड्स, मध्य प्रदेश
  7. संभाग प्रमुख – विचार मंडल, स्वदेशी जागरण मंच, मध्य प्रदेश
  8. प्रदेश अध्यक्ष – कायस्थ महापंचायत, मध्य प्रदेश
  9. अध्यक्ष – म.प्र. युवा कायस्थ संगठन
  10. सचिव – भोपाल जिला चित्रगुप्त कल्याण मंडल
  11. संचालक – आर्य वीर दल, मध्य प्रदेश और विदर्भ
  12. प्रतिनिधि – मध्य भारतीय आर्य प्रतिनिधि सभा
  13. सभासद – आर्य समाज महावीर नगर, भोपाल
  14. प्रदेश सहसंयोजक – भारतीय जनता पार्टी, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ
  15. संयोजक – विवेकानंद विचार मंडल, मध्य प्रदेश
  16. सांसद प्रतिनिधि – संसद सदस्य, 16वीं लोकसभा, भोपाल-19
  17. निदेशक – कात्यायनी टेलीकाॅम सर्विसेज प्र. लि.
  18. वित्तीय सलहाकार – संतोषी फिल्म एंड प्रोडक्शन एलएलपी
  19. निदेशक – एऍमजी, इवेंट एंड इंटरटेनमेंट

News
08 Nov, 2024
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श्री चित्रगुप्त मंदिर, 1100 क्वार्टर्स, भोपाल में श्री चित्रगुप्त पूजन एवं यम द्वितीया पर्व का भव्य आयोजन

भोपाल, 3 नवंबर 2024: भोपाल जिला चित्रगुप्त कल्याण मंडल एवं सार्वदेशिक कायस्थ युवा प्रतिनिधि संस्था के तत्वावधान में श्री चित्रगुप्त पूजन एवं यम द्वितीया पर्व का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम प्रातः 10:30 बजे श्री चित्रगुप्त मंदिर, 1100 क्वार्टर्स, अरेरा कॉलोनी में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम का आरंभ श्री चित्रगुप्त जी की कथा से हुआ, जिसमें भक्तों ने ध्यान एवं श्रद्धा के साथ कथा को श्रवण किया। इसके बाद कलम दावत का पूजन किया गया, जिसमें उपस्थित सभी लोगों ने भाग लिया। हवन का आयोजन विशेष रूप से संपन्न हुआ, जिसमें समस्त उपस्थित जनों ने आहूतियां अर्पित कीं। इसके साथ ही महाआरती का आयोजन भी किया गया, जिससे माहौल भक्तिमय हो गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व सांसद श्री अलोक संजर ने शिरकत की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “चित्रगुप्त जी की पूजा हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और हमें इसे संजोकर रखना चाहिए।” विशेष अतिथियों में सार्वदेशिक कायस्थ युवा प्रतिनिधि संस्था के अधिष्ठाता वेद आशीष श्रीवास्तव, शैलेंद्र निगम, संदीप श्रीवास्तव, जय शंकर श्रीवास्तव, संजीव श्रीवास्तव ‘संजू’ एवं शेखर श्रीवास्तव उपस्थित थे।

पूजा अर्चना के यजमान वेद आशीष श्रीवास्तव रहे, जिन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पूजा के बाद भाई दूज का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बहनों ने भाइयों को टीका लगाया। इस मौके पर सभी ने प्रसाद के साथ-साथ कलम का वितरण भी किया, जो विशेष रूप से कायस्थ समाज की पहचान है।

इस सफल आयोजन ने न केवल धार्मिक भावनाओं को जगाया, बल्कि समुदाय में एकता और भाईचारे की भावना को भी प्रबल किया। सभी उपस्थित जनों ने इस पर्व का आनंद लिया और एक-दूसरे के साथ मिलकर दिवाली की खुशियों को साझा किया।

 

Sangat.pangat
08 Oct, 2024
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राष्ट्रीय संगत-पंगत जन जागरण रथ यात्रा का सफल आयोजन

8 अक्टूबर 2024 को राष्ट्रीय संगत-पंगत जन जागरण रथ यात्रा कार्यक्रम को लमही ग्राम, वाराणसी में सफलता पूर्वक सम्पन्न किया गया। इस विशेष अवसर पर मुंशी प्रेमचंद जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. आर.के. सिन्हा (पूर्व राज्यसभा सांसद) की अध्यक्षता में हुआ। प्रातः 10:00 बजे डॉ. सिन्हा ने वाराणसी आगमन के बाद होटल क्यारा में श्रीमती रीबू श्रीवास्तव (वरिष्ठ राष्ट्रीय नेत्री, कायस्थ महासभा भारत) के साथ पत्रकार वार्ता की। इस संवाद में कायस्थ समाज के प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।

इसके बाद, प्रातः 11:00 बजे रथ यात्रा मुंशी प्रेमचंद स्मारक, लमही ग्राम पहुंची, जहाँ श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में स्थानीय समाज के अनेक प्रतिनिधियों और पत्रकारों ने हिस्सा लिया और सामाजिक जागरूकता के महत्व पर चर्चा की।

दोपहर 3:00 बजे, लमही ग्राम से हरहुआ रिंग रोड होते हुए बाबतपुर एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए प्रस्थान किया गया। यह यात्रा 2 अक्टूबर, 2024 को डॉ. आर.के. सिन्हा के नेतृत्व में प्रारंभ हुई थी, जिसका उद्देश्य समाज में जागरूकता फैलाना है।

इस रथ यात्रा ने न केवल मुंशी प्रेमचंद जी के योगदान को याद किया, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर चर्चा और जागरूकता बढ़ाने का महत्वपूर्ण कार्य किया। सभी सहभागी इस प्रयास को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए एकजुट रहे।

 

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Yashwardhan Shrivastava
08 Oct, 2024
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राष्ट्रीय संगत - पंगत जन जागरण रथ यात्रा

2 अक्टूबर 2024 को पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न श्री लाल बहादुर शास्त्री जी

की जन्मस्थली से प्रारम्भ....

Yashwardhan Shrivastava
08 Oct, 2024
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राष्ट्रीय संगत - पंगत जन जागरण रथ यात्रा

2 अक्टूबर 2024 को पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न श्री लाल बहादुर शास्त्री जी

की जन्मस्थली से प्रारम्भ....

Sangat.pangat
08 Oct, 2024
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जयप्रकाश नारायण की 122वीं जयंती समारोह: 11 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजन

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर 2024: आगामी 11 अक्टूबर 2024 को संध्या 3 बजे से राष्ट्रीय संगत पंगत एवं लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विकास केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में "जेपी स्मृति पार्क", बहादुर शाह ज़फ़र मार्ग, आईटीओ, कोटला मैदान के समीप, जयप्रकाश नारायण जी की 122वीं जयंती मनाई जाएगी।

इस समारोह में देश के प्रमुख राजनेता, समाज विज्ञानी, पत्रकार और जयप्रकाश नारायण जी के विचारों के प्रति आस्था रखने वाले अनेक महत्वपूर्ण व्यक्ति शामिल होंगे। सभी अतिथि जयप्रकाश नारायण जी के चित्र एवं प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और इस अवसर पर अपने विचार साझा करेंगे।

इस पुनीत अवसर पर देशवासियों से निवेदन किया गया है कि वे भारी संख्या में उपस्थित होकर इस समारोह में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। यह आयोजन न केवल स्वतंत्रता सेनानी के प्रति श्रद्धांजलि होगी, बल्कि उनकी विचारधारा को आगे बढ़ाने का भी एक महत्वपूर्ण प्रयास होगा।

उक्त अवसर पर आपकी उपस्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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14 Sep, 2024
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पितृ ऋण से मुक्ति के लिए सर्व पितृ अमावस्या के दिन करें चित्रगुप्त जी का पूजन?

पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जातक को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस साल पितृ पक्ष 17 सितंबर से शुरू होगा और 02 अक्टूबर को समाप्त होगा। पितृ ऋण से मुक्ति के लिए सर्व पितृ अमावस्या के दिन भगवान श्री चित्रगुप्त जी से प्रार्थना करना आवश्यक है।

पितरों का श्राद्ध कैसे करें?

  • सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।

  • जल में काले तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्पित कर तर्पण करें।

  • पितरों के लिए भोजन बनाएं और तर्पण करें।

  • तर्पण में अक्षत, जौ और काले तिल शामिल करें।

  • पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति के लिए कामना करें और मंत्रों का जप करें।

पितृ ऋण से मुक्ति के लिए सर्व पितृ अमावस्या के दिन क्या करें?

  • सर्व पितृ अमावस्या के दिन भगवान श्री चित्रगुप्त जी से प्रार्थना करें।

  • विधि विधान से श्री चित्रगुप्त जी की पूजन अर्चन कर।

  • मंत्रों का जाप करें।

    • ॐ यमाय धर्मराजाय श्री चित्रगुप्ताय वै नमः 

    • मसिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्तं च महाबलम्। लेखिनीपट्टिकाहस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम् 

    • ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः 

    •  

  • भगवान श्री चित्रगुप्त जी की पूजा के बिना पितृ ऋण से मुक्ति नहीं मिलती और न पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

पितृ ऋण क्या है?

  • धर्म के अनुसार तीन ऋण मुख्य माने गए हैं - देव ऋण, ऋषि ऋण और पितृ ऋण।

  • पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध, तर्पण, दान, पूजा करने से दो ऋण देव और ऋषि ऋण में लाभ मिलता है।

  • परंतु जब तक भगवान श्री चित्रगुप्त जी से प्रार्थना न की जाती है, तब तक पितृ ऋण से मुक्ति नहीं मिलती और न पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

KSS
05 Sep, 2024
Magazine

यदि आप कायस्थ समाज से हैं और एक शासकीय शिक्षक बनने की इच्छा रखते हैं, तो आप अपनी जानकारी हमारे पास उपलब्ध कराएं।

हम, राष्ट्रीय कायस्थ सेवा संघ, आपको सूचित करना चाहते हैं कि हमने शासकीय शिक्षा संस्थानों में शिक्षक पदों पर कायस्थ समाज के लिए 1 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर एक महत्वपूर्ण अभियान शुरू किया है। इस अभियान को देश भर से अभूतपूर्व समर्थन प्राप्त हो रहा है और हमारे उद्देश्य को साकार करने के लिए हम सक्रिय रूप से प्रयासरत हैं।

यदि आप कायस्थ समाज से हैं और एक शासकीय शिक्षक बनने की इच्छा रखते हैं, तो आप अपनी जानकारी हमारे पास उपलब्ध कराएं। आपकी जानकारी हमें निम्नलिखित के माध्यम से प्रदान करें:
ऑनलाइन जानकारी के लिए दी गई लिंक पर क्लिक करें ..

नाम, पिता / पति का नाम, जन्म दिनांक, लिंग, शहर, मोबाइल नम्बर, योग्यता, आपका सन्देश

हमारे पास जो जानकारी एकत्रित होगी उसकी एक सूची तैयार करेंगे और इसे शासन को प्रस्तुत करेंगे। इसके अतिरिक्त, हम सभी गैर-शासकीय शिक्षा संस्थानों को भी इस सूची को भेजेंगे ताकि रिक्त शिक्षक पदों पर योग्य कायस्थ उम्मीदवारों की नियुक्ति सुनिश्चित की जा सके।

हमारा अभियान शिक्षा क्षेत्र में कायस्थ समाज की भागीदारी को बढ़ावा देने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित है। आपके समर्थन और सहभागिता से हम इस लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम होंगे।

कृपया अपनी जानकारी जल्द से जल्द हमें भेजें ताकि हम आपके अधिकार की सुरक्षा और आपको उचित अवसर प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठा सकें।

धन्यवाद। 

KSS
05 Sep, 2024
Magazine

कायस्थ समाज ने की शिक्षक पदों पर आरक्षण की मांग:शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय कायस्थ सेवा संघ ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

शिक्षक दिवस के अवसर पर, राष्ट्रीय कायस्थ सेवा संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर शिक्षा संस्थानों में शिक्षक पदों पर कायस्थ समाज के लिए एक प्रतिशत आरक्षण की मांग की है। इस पत्र में संघ ने कायस्थ समाज के शिक्षा क्षेत्र में योगदान और इस समाज द्वारा शिक्षा को दिए गए उच्च मान्यता की बात की है। साथ ही आरक्षण नीति के लागू होने के बाद समाज द्वारा अनुभव की गई समस्याओं को भी उजागर किया है।

कायस्थ समाज का योगदान और समस्याएं

कायस्थ समाज ने भारतीय शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और हमेशा शिक्षा को सर्वोच्च मान्यता दी है। इसके बावजूद, आरक्षण नीति के लागू होने के बाद, कायस्थ समाज ने कई समस्याओं का सामना किया है। संघ का कहना है कि समाज के शिक्षित सदस्य आज भी रोजगार के अवसरों की कमी का सामना कर रहे हैं। इस परिप्रेक्ष्य में संघ ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि शिक्षा संस्थानों में शिक्षक पदों पर कम से कम एक प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाए।

संघ का मानना है कि इस कदम से न केवल कायस्थ समाज के लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि इससे भारतीय शिक्षा प्रणाली को भी सशक्त किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त, संघ ने एक विशेष "कायस्थ कल्याण बोर्ड" के गठन की भी मांग की है, जो समाज और राष्ट्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

कायस्थ कल्याण बोर्ड का महत्व

संघ ने कायस्थ कल्याण बोर्ड के गठन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इस बोर्ड के माध्यम से कायस्थ समाज को प्रशिक्षण, शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्रों में विशेष सहयोग मिलेगा। इससे समाज की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कार्यक्षमता और दक्षता भी बढ़ेगी।

संघ का कहना है कि कायस्थ समाज ने अपने पूर्वजों से विरासत में मिली क्षमताओं का सही उपयोग किया है, जो अब राष्ट्रीय विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। बोर्ड के गठन से कायस्थ समाज को समाज विकास और उत्थान के कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल किया जा सकेगा, जिससे एक समृद्ध और सक्षम भारत का निर्माण होगा।

अभियान की राष्ट्रीय संयोजन

इस अभियान के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में वेद आशीष श्रीवास्तव (भोपाल, मध्यप्रदेश), ललित सक्सेना (जयपुर, राजस्थान), अमित सक्सेना (जयपुर) और नितिन श्रीवास्तव (कानपुर, उत्तर प्रदेश) नियुक्त किए गए हैं। यह अभियान पूरे भारत के विभिन्न जिलों और ब्लॉकों में चलाया जा रहा है। संघ ने समाज के सदस्यों और आम नागरिकों से इस मुद्दे के समर्थन में सक्रिय भागीदारी की अपील की है।

समाज और राष्ट्र का विकास

संघ की मांग केवल कायस्थ समाज के उत्थान के लिए नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज और राष्ट्र के समग्र विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। शिक्षक दिवस पर की गई इस अपील से यह स्पष्ट है कि संघ का उद्देश्य समाज के विकास के लिए ठोस और सार्थक कदम उठाना है। प्रधानमंत्री द्वारा इस मुद्दे पर सकारात्मक कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है, जिससे समाज की शिक्षा और रोजगार की स्थिति में सुधार हो सके और समग्र राष्ट्र का विकास संभव हो सके।

KSS
03 Sep, 2024
Magazine

राष्ट्रीय कायस्थ सेवा संघ की मांग शिक्षा संस्थानों में शिक्षक पदों पर कायस्थ समाज के लिए 1% आरक्षण

प्रिय कायस्थ भाईयों और बहनों,

हम कायस्थ समाज के सदस्य होने के नाते, हमें गर्व है कि हमने भारतीय सभ्यता के विभिन्न कालों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हमें अपने अतीत पर गर्व है और हमें अपने भविष्य के लिए भी कुछ ठोस योजनाएँ बनानी हैं।

हमारे भारत में प्राचीन काल, मध्यकाल, और आधुनिक काल में कई प्रमुख व्यक्तित्व रहे हैं जिन्होंने देश की समृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनमें से कुछ प्रमुख नाम निम्नलिखित हैं:

स्वामी विवेकानंद - धार्मिक विचारक और समाज सुधारक

स्वामी अरविंदो - योगी, दार्शनिक, और स्वतंत्रता सेनानी

नेताजी सुभाष चंद्र बोस - स्वतंत्रता सेनानी और आज़ाद हिंद फौज के नेता

काली प्रसाद - स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक

डॉ. राजेंद्र प्रसाद - स्वतंत्रता सेनानी और भारत के पहले राष्ट्रपति

लाल बहादुर शास्त्री - स्वतंत्रता सेनानी और भारत के दूसरे प्रधानमंत्री

जयप्रकाश नारायण - स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी नेता

मुंशी प्रेमचंद - हिंदी साहित्यकार और उपन्यासकार

महादेवी वर्मा - हिंदी कवि, लेखिका, और समाज सुधारक

गणेश शंकर विद्यार्थी - पत्रकार और समाज सुधारक

इन नामों के अलावा भी हजारों कायस्थ महापुरुष हैं जिन्होंने समाज और राष्ट्र की सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

आज का समय बदल चुका है और हमारे समाज के युवा पीढ़ी को हमारी विरासत की सही जानकारी नहीं है। आजादी के बाद हमारे समाज का दर्जा काफी बदल चुका है और हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हमारी सांस्कृतिक और शैक्षिक धरोहर को आगे बढ़ाया जाए।

हम एक अखिल भारतीय अभियान fight for kayastha rights की शुरुआत कर रहे हैं ताकि हम अपने समाज की शिक्षा और सामाजिक स्थिति को बेहतर बना सकें। हम 100% साक्षर हैं और देश की सेवा में योगदान देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। हम चाहते हैं कि शिक्षा के सभी स्तरों पर, प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक, हमें 1% आरक्षण मिले हम किसी के अधिकारों पर कब्जा नहीं करना चाहते, बल्कि हम अपने समृद्ध सांस्कृतिक और शैक्षिक विरासत को देश की सेवा में प्रदान करना चाहते हैं।

जैसे ब्राह्मणों को मंदिरों में पूजा के अधिकार मिले हैं और मार्शल समुदाय को सेना में आरक्षण मिला है, वैसे ही हम कायस्थ समाज को शिक्षा के क्षेत्र में विशेष आरक्षण की मांग करते हैं। हमें विश्वास है कि यह कदम न केवल हमारे समाज की स्थिति को सुधारने में सहायक होगा, बल्कि देश की शिक्षा प्रणाली को भी और मजबूत करेगा।

हम आपसे अपील करते हैं कि इस अभियान में हमारे साथ आएं और हमारे इस संघर्ष में समर्थन प्रदान करें।

सादर,

राष्ट्रीय कायस्थ सेवा संघ

वेद आशीष श्रीवास्तव (भोपाल)

ललित सक्सैना (जयपुर)

अमित सक्सैना (जयपुर)

नितिन श्रीवास्तव (कानपुर)

सार्वदेशिक कायस्थ युवा प्रतिनिधि संस्था

श्री चित्रगुप्त बाल हितकारी सेवा संस्थान जयपुर

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा

…………

इस अभियान से जुड़ने के लिए अपना नाम जोड़ कर इस सन्देश को आगे भेजे

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News
27 Aug, 2024
Magazine

मुकेश जी की पुण्यतिथि पर “यादें मुकेश” संगीत संध्या

भोपाल, 27 अगस्त 2024: महान गायक मुकेश चंद्र माथुर जी की 48वीं पुण्यतिथि के अवसर पर एक भव्य संगीतमय श्रद्धांजलि कार्यक्रम "यादें मुकेश" कुछ फरमाईश.. कुछ किस्से का आयोजन किया जा रहा है। यह विशेष कार्यक्रम सार्वदेशिक कायस्थ युवा प्रतिनिधि संस्था और आसरा लोक कल्याण संस्था द्वारा आयोजित है।

 "यादें मुकेश" इसमें मुकेश जी के यादगार गीतों के साथ उनके जीवन के कुछ अनसुने किस्सों का आनंद लिया जा सकेगा। इस संगीतमय संध्या में निर्मल पाठक, अशोक वर्मा, एस. के लपालीकर, शोभना प्रधान, शिल्पा श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव, प्रदीप सक्सेना, आनंद सक्सेना, और संजय श्रीवास्तव जैसे प्रमुख कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे।

कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर रमेश श्रीवास्तव द्वारा किया जाएगा, और इसकी परिकल्पना शैलेन्द्र निगम और वेद आशीष श्रीवास्तव द्वारा की गई है।

तिथि: 27 अगस्त 2024
समय: शाम 7 बजे
स्थान: मानस भवन, पॉलिटेक्निक चौराहा, भोपाल

प्रवेश पूरी तरह से निशुल्क है, और स्थान आरक्षण "पहले आओ, पहले पाओ" के आधार पर किया जाएगा। सभी संगीत प्रेमियों को इस संगीतमय शाम का हिस्सा बनने और मुकेश जी की अमूल्य धरोहर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आमंत्रित किया जाता है।

News
07 Jul, 2024
Magazine

राष्ट्रीय एवं सामाजिक समस्याओं से निपटने के लिए की पूर्व की भांति सक्रिय भूमिका निभाए कायस्थ – वेद आशीष श्रीवास्तव

कायस्थ समाज ने सामाजिक व राष्ट्रीय जिम्मेदारी का अहसास दिलाते हुए कोई ऐसा सार्थक कार्यक्षेत्र नहीं छोड़ा जिससे कायस्थ समाज पृथक रहा हो। समाज के महापुरुषों ने केवल व्यक्तिगत उन्नति से संतुष्ट न रहकर, सदैव राष्ट्र की सेवा करने को प्रेरित किया है। तभी अनेकों कायस्थ-जन एक ओर स्वतंत्रता संग्राम तो दूसरी ओर सामाजिक कुरीतियों और पाखंडों  के विरोध में जान हथेली पर रखकर लड़े।
आज कायस्थ समाज की उस जिम्मेदारी को पुनः जागृत करना होगा। राष्ट्र पर आज भी भयंकर खतरों के बादल मंडरा रहे हैं, चाहे वह भ्रष्टाचार हो या फिर सांप्रदायिकता या पाखंड। अपने-अपने स्तर पर कुछ संस्थाएं व बुद्धिजीवी इन समस्याओं से जूझ रहे हैं परंतु उन प्रयासों में आज कायस्थ समाज का योगदान ना के बराबर है। मेरा मानना है कि आज कायस्थ समाज को राष्ट्रीय एवं सामाजिक समस्याओं से निपटने के लिए पूर्व की भांति सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए और अगर मेरी बात से सहमत है तो हम सभी को इस भूमिका में अपना योगदान देना होगा और आज से ही इसके लिए सद्प्रयास का संकल्प लेना होगा l  

- वेद आशीष श्रीवास्तव 
राष्ट्रीय अधिष्ठाता 
सार्वदेशिक कायस्थ युवा प्रतिनिधि संस्था
 

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