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कोरोना से मिलते-जुलते हैं निमोनिया के लक्षण पहचानने में न करें भूल, इन जांच से पता लगाएं कोरोना है या निमोनिया
भारत सहित 100 से ज्यादा देशों में पैर पसार चुके कोरोना को लेकर तमाम डॉक्टर और वैज्ञानिक चिंता में हैं। दरअसल साधारण फ्लू, निमोनिया और कोरोनावायरस (coronavirus)के लक्षण करीब मिलते-जुलते हैं। हालांकि इस बात की जानकारी जरूरी है कि इसके लक्षणों की पहचान कैसे की जाए। जी हां, कोरोना और निमोनिया के लक्षण बिल्कुल समान है। निमोनिया एक प्रकार का संक्रमण है, जो बैक्टीरिया, वायरस और फंगी द्वारा एक या दोनों फेफड़ों में हो सकता है। यह एक प्रकार का घातक संक्रमण है, जिसमें हमारे फेफड़ों में या तो पस या फिर अन्य तरह पदार्थ जमा होने लगता है और हमारे फेफड़े खराब होते चले जाते हैं। अगर आप भी इस बात को लेकर दुविधा में हैं कि कहीं हल्की-फुल्की खांसी कोरोना तो नहीं है तो हम आपको कोरोना और निमोनिया के बीच का अंतर बता रहे हैं, जिससे जानना आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। किन कारणों से होता है निमोनिया निमोनिया एक ऐसा घातक रोग है, जिसके 30 से ज्यादा अलग-अलग प्रकार हैं और यह कई कारणों से हो सकता है। इसके मुख्य प्रकार हैंः बैक्टीरियल निमोनियाः यह प्रकार विभिन्न बैक्टीरिया के कारण होता है। सबसे आम है स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया (streptococcus pneumoniae) । यह आमतौर पर तब होता है जब शरीर किसी तरह की कमजोरी से गुजर रहा होता है, जैसे कि बीमारी, बॉडी में पोषण की कमी, ज्यादा उम्र या खराब इम्यूनिटी, जिसके कारण बैक्टीरिया फेफड़ों में अपना काम करने में सक्षम हो जाते हैं। बैक्टीरियल निमोनिया सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन अधिक शराब, सिगरेट पीने वाले, कमजोर लोग या हाल ही में जिनकी सर्जरी हुई है, या फिर वे लोग जो सांस संबंधी समस्याओं के शिकार होते हैं उनमें इसकी संभावना अधिक होती है। वायरल निमोनियाः यह प्रकार फ्लू (इन्फ्लूएंजा) सहित विभिन्न वायरस के कारण होता है, और सभी निमोनिया के एक तिहाई मामले इसी प्रकार के सामने आते हैं। अगर आपको वायरल निमोनिया है तो आपको बैक्टीरियल निमोनिया होने की अधिक संभावना हो सकती है। माइकोप्लाज्मा निमोनियाः इस प्रकार के निमोनिया के कुछ अलग लक्षण और शारीरिक संकेत होते हैं, जिस कारण ये एक टिपिकल निमोनिया कहते हैं। यह बैक्टीरिया माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया के कारण होता है। यह आम तौर पर एक हल्के, व्यापक निमोनिया का कारण बनता है जो सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। अन्य निमोनियाः कई ऐसे अन्य निमोनिया हैं जो आम नहीं हैं और यह फंगी सहित अन्य संक्रमणों के कारण हो सकता है। किन लोगों में निमोनिया का अधिक जोखिम निमोनिया किसी को भी हो सकता है। हालांकि इन उम्र के लोगों में इसके खतरे की संभावना अधिक होती है। 65 या उससे ज्यादा उम्र के लोग। 2 साल से कम उम्र के बच्चे। कुछ स्वास्थ्य स्थितियों के शिकार लोग। धूम्रपान करने वाले लोग। निमोनिया के लक्षण बैक्टीरियल निमोनिया के लक्षण हैंः होंठों और नाखूनों का रंग नीला पड़ जाना। मानसिक हालत सही नहीं रहना, चीजों को याद रखने में दिक्कत खासकर उम्रदराज लोगों में। हरा, पीला या खूनी बलगम के साथ खांसी। बुखार। ज्यादा पसीना आना। भूख न लगना। एनर्जी न होना और बहुत ज्यादा थकान रहना। तेज-तेज सांस लेना। नब्ज का तेज होना। ठंड लगना। छाती में तेज दर्द, जिसके कारण गहरी सांस और खांसी होना। सांस लेने में परेशानी, जिसके कारण काम में मन न लगना।