बीरवल का असली नाम महेश दास था, वह मुगल बादशाह अकबर के प्रशासन में मुगल दरबार के प्रमुख वज़ीर (वज़ीर-ए-आजम) थे और अकबर की परिषद के नौ रत्नों में से एक सबसे विश्वस्त सदस्य थे। उनका जन्म कायस्थ परिवार में हुआ था पिता का नाम भट्टराव था वह बचपन से ही तीव्र बुद्धि के थे। प्रारम्भ में ये पान का सौदा बेचते थे। बचपन में उनका नाम महेश दास था। उनकी बुद्धिमानी के हजारों किस्से हैं जो बच्चों को सुनाए जाते हैं। माना जाता है कि 1586 मे अफगानिस्तान के युद्ध के अभियान में एक बड़ी सैन्य मंडली के नेतृत्व के दौरान बीरबल की मृत्यु हो गयी।