डॉ. हरिवंश राय बच्चन एक उच्च कोटि के कवि थे। उनकी अनुपम काव्यशैली वर्तमान समय में भी हर आयु के लोगों को प्रभावित करती है। हिन्दी चित्रजगत के महानायक अमिताभ बच्चन उन्ही के सुपुत्र हैं। साहित्य जगत में अविस्मर्णीय योगदान देने के अतिरिक्त वह देश की आज़ादी की लड़ाई में भी शामिल हुए थे। कुशल साहित्यकार बच्चन जी का जन्म 27 नवंबर 1907 के दिन बापूपट्टी गाँव, जिला प्रतापगढ़ में हुआ था। उनकी प्रसिद्ध रचना “मधुशाला” आज भी श्रोताओं का मन मोह लेती है। अपने पिता की स्मृति में अमिताभ बच्चन जी अलग-अलग मंच पर कई बार उनकी यह मनमोहक कविता दोहराते हैं। अपने दौर के श्रेष्ठतम कवि बच्चन जी कविता और लेखन योगदान के लिए पद्म भूषण विजेता भी बने। बच्चन जी की पहली शादी श्यामा देवी से हुई थी। इस विवाह के वक्त वह सिर्फ 19 वर्ष के थे। और उनकी पत्नी 14 वर्ष की थीं। बड़े दुर्भाग्य की बात है की उनका लग्न संबद्ध दीर्घ काल तक जीवंत नहीं रह सका चूँकि श्यामा देवी को 24 वर्ष की आयु में टीबी रोग नें घेर लिया। जिस कारण, वर्ष 1936 में उनकी अकाल मृत्यु हो गयी। समय की धारा आगे बढ़ी। पाँच साल यूँही बीत गए। वर्ष 1941 में बच्चन जी का दूसरा विवाह तेजी बच्चन से हुआ। और उन दोनों की दो संतान हुईं। इन दोनों के दो पुत्रों में एक बॉलीवुड सुपर स्टार अमिताभ बच्चन अदाकार हैं। और दूसरे पुत्र अजिताभ (छोटे बेटे) एक बिजनेस मैन बने। तेजी बच्चन भारत की पूर्व प्रधान मंत्री श्री इन्दिरा गांधी के बेहद करीबी दोस्त मानी जाती थीं। हरिवंश राय और तेजी बच्चन के बड़े पुत्र अमिताभ जब कुली फिल्म की शूटिंग में घायल हुए तब राजीव गांधी अमरीका से और इन्दिरा गांधी दिल्ली से उन्हे देखने आ पहुंचे थे। इसी बात से बच्चन परिवार और गांधी परिवार के गहरे रिश्ते का कयास लगाया जा सकता है।
पति की मृत्यु के महज़ पाँच वर्ष बाद ही वर्ष 2007 में तेजी बच्चन का भी स्वर्गवास हो गया। मृत्यु के समय उनकी आयु 93 वर्ष थी। अपनी उत्कृष्ट रचनाओं से लोगों के दिल में अमरत्व प्राप्त कर लेने वाले इस महान कवि नें 18 जनवरी, 2003 पर इस संसार को अलविदा कहा। उनकी मौत शरीर के महत्वपूर्ण अंग खराब हो जाने के कारण हुई थी। मृत्यु के वक्त उनकी आयु 95 वर्ष थी। जीवन का अंतिम सत्य मृत्यु ही होता है, पर कुछ लोग अपने सत्कर्म और सद्गुणों की ऐसी छाप छोड़ जाते हैं जिस कारण समाज उन्हे आने वाले लंबे समय तक याद करता है।