Welcome to Kayastha Samaj.

About Shri Chitragupt Ji

श्री चित्रगुप्त पूजन विधि (सरलतम विधि )

पूजा स्थान को साफ़ कर एक चौकी पर कपड़ा बिछा कर श्री चित्रगुप्त जी का चित्र स्थापित करें यदि चित्र उपलब्ध न हो तो कलम दावत एवं कलश को चित्रगुप्त जी का प्रतीक मान कर श्री चित्रगुप्त जी का समरण कर स्थापित करें

गाये के घी का दीपक जला कर श्री गणेश जी को चन्दन ,हल्दी,रोली अक्षत ,दूब ,पुष्प व धूप अर्पित कर पूजा अर्चना करें |

श्री चित्रगुप्त जी को भी चन्दन ,हल्दी,रोली अक्षत ,पुष्प व धूप अर्पित कर पूजा अर्चना करें |

फल ,मिठाई और विशेष रूप से इस दिन के लिए बनाया गया पंचामृत (दूध ,घी कुचला अदरक ,गुड़ और गंगाजल )और पान सुपारी का भोग लगायें |

इसके बाद परिवार के सभी सदस्य अपनी किताब,कलम,दवात आदि की पूजा करें और चित्रगुप्त जी के समक्ष रक्खें |

अब परिवार के सभी सदस्य एक सफ़ेद कागज पर एप्पन (चावल का आंटा,हल्दी,घी, पानी )व रोली से स्वस्तिक बनायें |उसके नीचे पांच देवी देवतावों के नाम लिखें ,जैसे -श्री गणेश जी सहाय नमः ,श्री चित्रगुप्त जी सहाय नमः ,श्री सर्वदेवता सहाय नमः आदि |

इसके नीचे एक तरफ अपना नाम पता व दिनांक लिखें और दूसरी तरफ अपनी आय व्यय का विवरण दें ,इसके साथ ही अगले साल के लिए आवश्यक धन हेतु निवेदन करें | फिर अपने हस्ताक्षर करें |

इस कागज और अपनी कलम को हल्दी रोली अक्षत और मिठाई अर्पित कर पूजन करें |

अब श्री चित्रगुप्त जी का ध्यान करते हुए निम्न लिखित मंत्र का कम से कम ११ बार उच्चारण करें -

मसीभाजन संयुक्तश्चरसि त्वम् ! महीतले |
लेखनी कटिनीहस्त चित्रगुप्त नमोस्तुते ||
चित्रगुप्त ! मस्तुभ्यं लेखकाक्षरदायकं |
कायस्थजातिमासाद्य चित्रगुप्त ! नामोअस्तुते ||

अब सभी उपस्थित बंधू श्री चित्रगुप्त जी की आरती स्तुति गावें |

आरती/ स्तुति के लिए यहाँ क्लिक करे श्री चित्रगुप्त भगवान आरती/स्तुति

इसके पश्चात् ख़ुशी पूर्वक श्री चित्रगुप्त जी महराज और श्री गणेश जी महाराज से अपने और अपने लोगों के लिए मंगल आशीर्वाद प्राप्त करते हुए शीश झुकाएं एवं प्रसाद का वितरण करें |