संगत-पंगत के उद्देश्य एवं प्रसार
संगत-पंगत देश में कायस्थों का कोई नया संगठन बनाने का प्रयास नहीं हैं। कायस्थ नामधारी संगठन तो हमारे देश में जरूरत से कुछ ज्यादा ही है। अनेकों संगठन तो ऐसे हैं, जिसमें जितने सदस्य नहीं है, उससे कहीं ज्यादा सम्मानित पदाधिकारी है। ऐसे तमाम संगठनों का कार्य साल दो साल में एकाध आयोजन करना और साल भर उस आयोजन के लिए चंदा इकट्ठा करते रहना भर रह गया है। अब तो सामान्य कायस्थ ऐसे तमाम संगठनों से घृणा करने लग गया है, जो चन्दा तो इकटठा करते जाते हैं लेकिन, उसका क्या उपयोग हुआ इसका कभी भी हिसाब नहीं देते। अब तो सोशल मीडिया पर भी ऐसे तमाम संगठन मिल जायेंगे, जिनका काम समाज की सेवा नहीं आत्म प्रशंसा भर रह गया है। अपनी खुद की पीठ थपथपाने के अतिक्ति दूसरों का टांग खींचना आम बात है। इसीलिए "संगत-पंगत" की कल्पना एक सामाजिक अभियान और एक सेवा के संकल्प के रूप में ही की गयी है।
संगत-पंगत' के उद्देश्य
सिन्हा साहब ने पहली "संगत-पंगत" का उद्घाटन करते हुए कहा- जैसा कि मैं पहले से ही कहता रहा हूँ, और एक बार फिर दुहराना चाहता हूँ कि "संगत-पंगत' का उद्देश्य कोई नया कायस्थ संगठन खड़ा करना नहीं है। संगठन और संस्थायें तो हमारे समाज में जरूरत से कुछ ज्यादा ही है। सभी संगठन अच्छे उद्देश्यों को लेकर ही बनाये गये है (या थे) और ज्यादातर अच्छा ही कार्य भी कर भी रहे है। लेकिन, खेद का विषय यह है कि अपने द्वारा किये गए कार्यों की समीक्षा कर आत्मलोचन और आत्म विश्लेशण कर आगे बढ़ने की बजाय लगभग सभी संगठन दूसरों की कमियों को गिनाने में ही तत्पर दिखते हैं, जिससे समाज में संगठन और एकता होने की जगह अनावश्यक कटुता ही फैल रही है और दूसरे समाजों में परिवार की जग हंसाई हो रही है।
"संगत-पंगत" में यह सर्वसम्मति से तय किया गया कि विश्व भर में निवास करने वाले कोई भी सेवाधर्मी सक्रिय कायस्थ शामिल हो सकते हैं, चाहे वे किसी भी कायस्थ नामचारी संगठन से जुड़े हों, या नहीं जुड़े हों, चाहे किसी भी राजनीतिक विचारधारा में विश्वास रखते हो या नहीं रखते हो। शर्तें तो मात्र दो ही है
(१) व्यक्ति (पुरुष या महिला) जरूरतमंदों कायस्थों की सेवा कार्य में संलग्र हो या गरीब कायस्थ बन्धुओं की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, व्यावसायिक, चिकित्सकीय, रोजगारपरक दहेज रहित सामूहिक विवाह आदि मामलों में सकारात्मक योगदान करने में सक्षम और इच्छुक हो ।
(२) और, "संगत-पंगत को शुद्ध रूप से एक सेवा का ही प्लेटफार्म रखने में जिनका अटूट विश्वास हो और अपना महिमामंडन और दूसरों की किसी भी प्रकार की आलोचना, से जो अपने को दूर रखने के पक्षधर हो l
पहली संगत-पंगत
इस प्रकार जून 2015 को इस ऐतिहासिक "संगत पंगत" की शुरुआत श्री सिन्हा जी के सरकारी आवास सी-1/22, हुमायूँ रोड, नई दिल्ली में आयोजित की गयी। तेज बारिश के बावजूद इस प्रथम "संगत-पंगत" कार्यक्रम में भारी भीड़ नजर आई। कार्यक्रम के लिए लगाया गया पंडाल पूरी तरह से सक्रिय कायस्थों से शुरू से अंत तक भरा रहा। इस कार्यक्रम में न केवल हर एक कायस्थ का आपस में परिचय हुआ, बल्कि समाज में व्याप्त गरीबी और असमर्थ कायस्थों की समस्याओं पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
मेडिकल सहयोग राशि
1. नकुल कुमार, देहरादून को चिकित्सा सहायता राशि 49744/- रूपये की मदद की गयी I
2. अशोक घोष, पटना के पुत्र शशांक को सुनने हेतु कान में लगाने वाली मशीन के लिए 44000/- रूपये की मदद की गयी I
3. निधि सक्सेना पटना की माँ के मेडिकल टेस्ट के लिए 27448/- रूपये की मदद की गयी I
शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग
1. निधि सक्सेना को उनकी पढ़ाई के लिए पिछले कई सालों से प्रति महीने ५०००/- रूपये की मदद की जा रही है।
2. कहनचंद बोहरा सरस्वती शिशु मंदिर राजवाला के दो शिक्षिकाओं को पिछले लगभग २ वर्षों से प्रति व्यक्ति प्रतिमाह वेतन 6000/- रूपये दिया जा रहा है।
3. श्री गुरूराम राय इंटर कॉलेज, सहसपुर देहरादून के एक शिक्षिका को प्रतिमाह वेतन 7500/- रूपये वेतन के रूप में दिया जा रहा है।
4. मगध सुपर 30 शैक्षणिक चैरिटेबल ट्रस्ट, गया को सहयोग राशि के रूप में 2,00,000/- रूपये की मदद की गयी!
5. प्रियंका श्रीवास्तव को पढाई के लिए 1,72,000/- रूपये की मदद की गयी।
6. सिम्बायोसिस लॉ स्कूल नॉएडा को स्वचा नारायण के पढाई हेतु 77500/- रूपये की मदद की गयी।
7. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च, अगमकुआ, पटना को अवधेश जी की बेटी के बीपीटी कोर्स में पढाई हेतु 68500/- रूपये की मदद की गयी।
8. गलगोटिया यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे नितिन कुमार को उनकी पूरी पढ़ाई के लिए मदद की जा रही है। पिछले दिनों उनकी फीस के लिए 69500/- रूपये की मदद की गयी।
9. जैनब प्रवीण के लिए मेडिकल काउंसिलिंग के लिए 25000/- रूपये की मदद की गयी।
10. मास्टर पब्लिकेशन से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे ऋतिक सक्सेना को 74500/- रुपये की मदद की गयी।
11. सूरज भान सिंह डीएभी स्कूल, वसंत विहार, नई दिल्ली में पढ़ रहे श्री हरि प्रकाश श्रीवास्तव के पुत्र निहार श्रीवास्तव को उनकी पूरी पढ़ाई के लिए मदद की जा रही है। पिछली दो किश्तों में स्कूल फी के रूप में 78000/- रुपये और 109940/- रूपये की मदद की गयी।
12. आईआईटी रुड़की में अभिषेक सिन्हा के नामांकन के लिए 94250/- रूपये की मदद की गयी।
13. आईआईटी बीएचयू में पिंटू कुमार बरनवाल के नामांकन के लिए 88965/- रूपये की मदद की गयी
14. मेडिकल स्टूडेंट अंकित राज के पढाई हेतु प्रतिमाह 4000/- रूपये की मदद की जा रही है।
15. संदीप कुमार, NIT स्टूडेंट श्रीनगर उत्तराखंड को लैपटॉप के लिए 58000/- रूपये की मदद की गयी।
16. बेंगलुरु के जमुना के क्रिस्ट कॉलेज में नामांकन के लिए 30000/- रुपये फीस दिया गया।
17. त्रिपुरारी शरण श्रीवास्तव के पुत्र आशीष रंजन को ए.एन. कॉलेज पटना में बी.सी.ए. कोर्स की पढाई के फीस हेतु 16000/- रुपया दिया गया।
सामाजिक क्षेत्र में दिए सहयोग राशि
1. विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के ब्रांच पटना को प्रतिमाह रेंट के लिए 15000/- रूपये की मदद की गयी।
2. वीणा म्यूजिकल फाउंडेशन पटना को सहयोग राशि 25000/- रूपये की मदद की गयी।
3. बेतिया के एक सामूहिक विवाह के लिए 72000/- रूपये की मदद की गयी।
4. सामूहिक विवाह समारोह जयपुर को सहयोग राशि 73220/- रूपये की मदद की गयी।
गौशाला को सहयोग
श्री गोविन्द गौशाला चैरिटेबल ट्रस्ट, ग्राम धरपुरा के सामने, गोलबाग के निकट, मुरादाबाद रोड, बिजनौर को गाय माता के भोजन के लिए 125000/- रूपये की मदद की गयी।
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