अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ काव्य मंच की संयोजिका, बहुमुखी प्रतिभा की धनी, सहज, सरल, मिलनसार कायस्थ समाज की प्रतिष्ठित लेखिका, साहित्यकार, रेडियो,दूरदर्शन, मंच की ऑडिशन पास (Approved Anchor) उद्घोषिका,समाजिक कार्यकर्ता एवं प्रवीण ऑप्टिकल्स की प्रॉपराइटर के रूप में उद्यमी महिला हमारी आदरणीया दीदी डॉ. प्रीती प्रवीण खरे जी को अंतर्राष्ट्रीय कायस्थ काव्य मंच, सार्वदेशिक कायस्थ युवा प्रतिनिधि संस्था महिला प्रकोष्ठ एवं कायस्थ समाज वेब पोर्टल की पूरी टीम की ओर से जन्मदिन की अनंत हार्दिक शुभकामनाएं और बहुत-बहुत बधाई
जीवन परिचय : डॉ.प्रीति प्रवीण खरे
डॉ.प्रीति प्रवीण खरे एक साहित्यकार, रेडियो,दूरदर्शन, मंच की ऑडिशन पास (Approved Anchor) उद्घोषिका,समाजिक कार्यकर्ता एवं प्रवीण ऑप्टिकल्स की प्रॉपराइटर के रूप में उद्यमी महिला (Business Women) है l इनका जन्म 10 अगस्त 1969, रायपुर छत्तीसगढ़ में हुआ। ये सुप्रसिद्ध रंगकर्मी श्री अवधेश श्रीवास्तव तथा शिक्षिका मंजू श्रीवास्तव की बड़ी बेटी है, इनको बचपन से गृहकार्य में रुचि थी। समय पर ज़िम्मेदारी से कार्य करने का गुण प्रीति को माँ मंजू श्रीवास्तव से मिला। बाल्यावस्था में ही घर परिवार से पठन-पाठन में रुचि जागृत हुई। माँ श्रीमती मंजू श्रीवास्तव शिक्षिका थीं और पिता अवधेश श्रीवास्तव आकाशवाणी, दूरदर्शन के अप्रूव्ड आर्टिस्ट के साथ ही रंगमंच के वरिष्ठ कलाकार थे। साहित्य का बीज बचपन से अंकुरित होना शुरू हुआ। पिता के नक़्शे क़दम पर चलते हुए इन्हें भी अभिनय का शौक़ जगा।अभिनय के साथ ही ये रेडियो पर सजीव उद्घोषणा करने लगी।
‘प्रारंभिक जीवन और शिक्षा’
कला संकाय से स्कूल की पढ़ाई संपूर्ण करने के पश्चात प्रीति ने बैचलर्स डिग्री के एडमिशन के लिए रीजनल कॉलेज ऑफ़ एजूकेशन श्यामला हिल्स भोपाल में रिटन टेस्ट और इंटरव्यू दिया। क़िस्मत से उनका चयन हो गया। चार वर्षीय बी.ए.बी.एड कोर्स वाला यह इस कॉलेज भारत में चार था। केंद्र सरकार के इस कॉलेज में बी.ए. ऑनर्स के साथ बी.एड की डिग्री की पढ़ाई का इंट्रीग्रेटेड कोर्स होता था। हिंदी साहित्य,अंग्रेज़ी साहित्य,इंग्लिश लेंग्वेज,सोशल साइंस,के साथ एजूकेशन विषय भी साथ में पढ़ाया जाता था। हिंदी साहित्य शिक्षक के रूप में सुप्रसिद्ध कवि भगवत रावत जी से पढ़ने का सुअवसर प्राप्त हुआ। यहाँ से हिंदी विषय में रुझान पैदा हुआ। बी.एड की ट्रेनिंग के दौरान दो महीने नवीन शासकीय हाई स्कूल में ट्रेनिंग करते हुए शिक्षिका बनने का विचार आया। कोर्स कम्प्लीट करने के पश्चात एम.ए हिंदी साहित्य में मास्टर्स करने के लिए दाख़िला लिया। वहाँ सुप्रसिद्ध आलोचक डॉ.धनंजय वर्मा,प्रभाकर श्रोत्रिय,प्रेम नारायण त्यागी जैसे देश के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकारों से विद्या अर्जन का सौभाग्य मिला।
‘रेडियो का सफ़र’
हिंदी साहित्य में एम.ए करते हुए,रेडियो से जुड़े कई मित्रों के सहपाठी बनने का सुअवसर मिला। इसी दौरान आकाशवाणी भोपाल में युववाणी कार्यक्रम में कंपीयर हेतु ऑडीशन के लिए आवेदन दिया। सन 1990 में युववाणी कंपीयर हेतु चयन हुआ। यह सजीव प्रसारण का कार्यक्रम है। उस दौरान स्वयं की स्क्रिप्ट लिखते हुए लेखन का बीजारोपण होने लगा। मैं आकाशवाणी के युववाणी में कार्यक्रमों की लाइव प्रस्तुति देने लगी। हिंदी साहित्य में एम.ए करते हुए वरिष्ठ शिक्षकों के सानिध्य में बीज पुष्पित और पल्लवित होने लगा। सन 1992-93 से मैं दूरदर्शन से जुड़ी और वहाँ कार्यक्रमों का संचालन करने लगी।
इस प्रकार प्रीति को साहित्य सृजन और लेखन को गति मिली। और ये बड़ों के लिए कविता लिखने लगी। इसी बीच इन्हें दूरदर्शन भोपाल से बच्चों के कार्यक्रम “उजास” में एंकरिंग का सुअवसर मिला।
‘वैवाहिक जीवन’
सन 1991 में भोपाल के प्रतिष्ठित बिजनेसमैन डॉ.प्रवीण खरे के साथ विवाह हुआ। जिनका उस समय ऑप्टिकल्स का बिजनेस चल रहा था जो आज भी अनवरत चल रहा है । इस दौरान युववाणी कंपेयरिंग का सिलसिला जारी रहा। सन 1992 में बड़े बेटे का जन्म हुआ। बेटे के लालन-पालन के साथ गृहस्थ जीवन चलता रहा। सन 2002 में छोटे बेटे का जन्म हुआ।वर्ष 1992 में दूरदर्शन भोपाल केंद्र की स्थापना भी हुई। प्रीति को कार्यक्रम हेतु आमंत्रित किया गया। इस प्रकार दूरदर्शन भोपाल केंद्र के कार्यक्रमों में एंकरिंग का सिलसिला चल पड़ा।
‘साहित्यिक सफ़र’
युववाणी के साथ ही साहित्यिक सफ़र की शुरुआत हो चुकी थी। दूरदर्शन में बच्चों के कार्यक्रम ‘उजास’ करते हुए बच्चों को कविता,कहानी एवं गीत-संगीत सुनाते-सिखाते मेरा रुझान बालसाहित्य के प्रति हुआ। शुरूआत में छोटी कविता,कहानी लिखी। धीरे-धीरे लेखन ने गति पकड़ी।सन 2002 में छोटे बेटे के जन्म के उपरांत लोरी लिखने के प्रति आकृष्ट हुई।मन में दबी पीएच.डी करने की इच्छा बलवती हुई। पीएच.डी करते हुए मेरा लेखन परवान चढ़ने लगा।
यूँ तो साहित्यिक बीजारोपण बचपन में ही हो चुका था। पिता के नक़्शे क़दम पर चलते हुए मुझे भी अभिनय का शौक़ जगा। मैंने अपने पिता और बहन के साथ नाटक में भी काम किया। हिंदी साहित्य में एम.ए करते हुए वरिष्ठ शिक्षकों के सानिध्य में बीज पुष्पित और पल्लवित होने लगा। मैं बड़ों के लिए भी कविता,कहानी,नाटक शोध आलेख लिखने लगी। मैं कविता,कहानी लिखकर डायरी में रख लेती थी। 2011 में मेरे प्रथम कविता संग्रह “खेल-खेल में” का प्रकाशन हुआ। साहित्य जगत में इसका हृदय से स्वागत हुआ। मेरा हौसला बड़ा। इस बढ़े हुए हौसले के साथ मैं पूरी तरह से साहित्य सृजन की ओर अग्रसर हुई। अब तक बाल साहित्य की 10 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। मैं रेडियो और दूरदर्शन के साहित्यिक कार्यक्रमों में बतौर एंकर प्रस्तुति दे रही हूँ। नाटकों में लोरी और गीत लेखन भी लम्बे समय से करती आ रही हूँ। सन 2017 में प्रकाशित बाल काव्य संग्रह “निंदिया को पंख लगे” मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के “ज़हूर बक्श” कृति पुरस्कार 2018 के लिए चुने जाने के बाद वर्ष 2020 में मुझे म.प्र साहित्य अकादमी के पुरस्कार से अलंकृत किया गया।
‘कार्यानुभव’
क्षेत्रीय शिक्षा संस्था श्यामला हिल्स भोपाल में बी.एड कोर्स में एजुकेशन तथा बैचलर्स डिग्री कोर्स में हिंदी साहित्य पढ़ाने का अनुभव।
द संस्कार वैली आइ.सी.एस.सी स्कूल में हिंदी शिक्षिका के रूप में कार्यरत रही।
‘उपलब्धियाँ’
दूरदर्शन भोपाल केंद्र हेतु शिक्षाप्रद शॉर्ट फ़िल्मों का निर्माण।डॉक्यूमेंट्री फ़िल्मों का निर्माण एवं स्वर संयोजन। महिला बाल विकास म.प्र शासन द्वारा चेयर पर्सन के रूप में मनोनीत तथा तीन वर्ष का कार्यानुभव। स्कूलों में स्टोरी टेलर के रूप में आमंत्रित।कई संस्थाओं की साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की संयोजिका के रूप में कार्यानुभव।
केंद्र सरकार की ज़ोनल संस्था सांस्कृतिक सम्बंध परिषद भोपाल की उद्घोषिका के रूप में कई कार्यक्रमों का अनुभव।
निर्णायक की भूमिका :-
मैंने विभिन्न राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय साहित्यिक तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में निर्णायक की भूमिका का बखूबी निर्वहन किया है। इनमें राष्ट्रीय बाल श्री अवार्ड हेतु राज्य स्तरीय चयन, राष्ट्रीय बाल रंग, राष्ट्र भाषा प्रचार समिति द्वारा आयोजित प्रतिभा प्रोत्साहन प्रतियोगिता के अलावा विभिन्न स्थानीय प्रतियोगिताएं,स्कूलों की प्रतियोगितायें उल्लेखनीय हैं।
प्रकाशित पुस्तकें :-
बाल साहित्य -
1-खेल खेल में-प्रकाशन वर्ष-2011
2-चश्मा दीदी का-प्रकाशन वर्ष-2011
3-बच्चों की नज़र-प्रकाशन वर्ष-2012
4 -निंदिया को पंख लगे-प्रकाशन वर्ष-2017
5 -रोचक बाल एकांकी-प्रकाशन वर्ष-2018
6 -सुनें गुनें,बापू को(बाल नाटक संग्रह)-2019
अन्य साहित्य :-
1 -मध्यप्रदेश के दर्शनीय स्थल-प्रकाशन वर्ष-2013
2 -ये भारत रत्न-प्रकाशन वर्ष-2015
3 -पर्व दिवस एवं जयंतियाँ-प्रकाशन वर्ष-2015
4 -त्रिलोचन (विवेचनात्मक 2019
‘सम्मान'
1 भारतीय बाल कल्याण संस्थान (उ.प्र.) द्वारा ’बाल साहित्य साधना सम्मान-2011’
2 म.प्र. राष्ट्र भाषा प्रचार समीति, भोपाल द्वारा ’श्रीमती सतीश बालकृष्ण ओबेराय महिला सम्मान-2011’
3 इण्डो-नेपाल महिला बाल साहित्यकार सम्मेलन एवं सम्मान समारोह खटिमा, उत्तराखण्ड द्वारा ’महिला बाल साहित्य रत्न-2011’
4 हिन्दी लेखिका संघ, भोपाल द्वारा ’रुक्मणि देवी चैधरी स्मृति पुरस्कार-2011’
5 साहित्य क्रांति एवं संस्कार सारथी दिल्ली द्वारा ’अक्षर शिल्पी सम्मान-2013’
6 बाल कल्याण एवं बाल साहित्य शोध केन्द्र, भोपाल द्वारा ’श्री हरिकृष्ण-वीरनांवाली स्मृति बाल साहित्य सम्मान-2013’
7 हिन्दी लेखिका संघ, भोपाल द्वारा ’सूचनात्मक साहित्य सम्मान-2014’
8 ’राजकुमार जैन राजन फाउण्डेशन’, आकोला चित्तौडगढ़ (राज.) द्वारा ’श्रीमती इंदिरा देवी हींगड़ बाल साहित्य सम्मान-2014’
8 जे.एम.डी पब्लिकेशन, दिल्ली द्वारा साहित्यिक एवं रचनात्मक कार्यों के लिए ’नारी गौरव सम्मान-2015’
9 भारतीय साहित्य संगम, गुडगांव (हरियाणा) द्वारा ’राष्ट्रीय सितारा सम्मान-2016’
10 सामाजिक, साहित्यिक, अध्यात्मिक संस्था ’दृष्टि’, गुना (म.प्र.) द्वारा ’शब्द शिल्पी सम्मान-2016’
11 सीमापुरी टाइम्स,नई दिल्ली द्वारा ’इंडिया एक्सीलेंस अवार्ड्स-2016’
12 सलिला सलुम्बर राजस्थान द्वारा ’बाल साहित्यकार सम्मान-2016’
13 जे.एम.डी पब्लिकेशन, दिल्ली द्वारा ’भारत के प्रतिभाशाली सम्मान-2016’
14 दुष्यंत कुमार पाण्डुलिपि संग्रहालय, भोपाल द्वारा ’डॉ. कन्हैयालाल नंदन सम्मान-2016’
15 अंतर्राष्ट्र्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में सामाजिक एवं साहित्यिक संस्था ’तूलिका’ द्वारा ’नायिका सम्मान-2017’ से सम्मानित
16 अंतर्राष्ट्र्रीय महिला दिवस के अवसर पर सार्वदेशिक कायस्थ प्रतिनिधि संस्था महिला प्रकोष्ठ द्वारा सम्मानित
17 मासिक पत्रिका ’साहित्य समीर दस्तक’, भोपाल द्वारा ’साहित्य गौरव सम्मान’
18 म.प्र. तुलसी साहित्य अकादमी, भोपाल द्वारा ’तुलसी शिखर सम्मान-2017’
19 राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था मंजिल ग्रुप दिल्ली द्वारा ’शतकवीर सम्मान-2017’
20 अखिल भारतीय भाषा साहित्य, भोपाल द्वारा ’समन्वय श्री सम्मान-2017’
21 नागरिक कल्याण समिति, भोपाल द्वारा ’बाल साहित्यकार-कवयित्री सम्मान-2017’
22 ऑल इण्डिया वीमेन क्लब, भोपाल द्वारा ’शाइनिंग स्टार अवाॅर्ड-2017’
23 ’बाल साहित्य’ की काव्य कृति के लिए मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा प्रादेशिक ’जहूर बख़्श पुरस्कार-2017’
24 हिन्दी लेखिका संघ, भोपाल द्वारा ’सुश्री प्रभा बरतरिया सारस्वत पुरस्कार-2018’।
25 महिला काव्य मंच,दिल्ली द्वारा अंतरराष्ट्रीय वार्षिकोत्सव कवयित्री सम्मेलन एवं सम्मान समारोह 2019 में सम्मानित।
26 ‘कला मंदिर’, भोपाल द्वारा ‘योगेन्द्र पवैया स्मृति बालसाहित्य कला रत्न सम्मान-2019’
27 ’साहित्य मण्डल’, श्रीनाथद्वारा, राज. द्वारा ’श्री भगवती प्रसाद देवपुरा बाल साहित्य भूषण सम्मान-2020’
'उपलब्धियाँ'
1 . 14 नवंबर 2013 को राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित बाल साहित्यकारों में षामिल।
2 . बाल भवन एवं बाल रंग भोपाल के राष्ट्रीय बाल श्री अवाॅर्ड में निर्णायक मनोनीत।
3 . आनंद पाठ, हिन्दी भाषा भारती, कोलकाता, (पश्चित बंगाल) भाग 4 में बाल कविता ‘पेड़’ सन 2011 के पाठ्यक्रम में शामिल।
4 . स्वलिखित ‘पेड़ पंचायत’ नाटक का सी.बी.एस.इ कक्षा पाँच के हिंदी भाषा पाठ्यक्रम में चयन।
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डॉ. प्रीति प्रवीण खरे
19, सुरुचि नगर, कोटरा सुल्तानाबाद,
भोपाल-462042 (म. प्र.)
पिन-462003
मो.-9424013719
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