बहुमुखी प्रतिभा के धनी है सारंग जी - नवीन शर्मा
मुझे लगभग पांच वर्ष पहले श्री कैलाश ना . सारंग जी से जुड़ने का | अवसर मिला जब सारंग जी ने मुझे उनके द्वारा निकाली जा रही पाक्षिक पत्रिका “ नवलोक भारत ” से जुड़ने का मौका दिया , जो मैं आज भी जुड़ा हुआ हूं । तबसे ही मैं उन्हें देख रहा हूं , और उनसे बहुत कुछ सीख रहा हूँ । | इससे पहले मैंने सिर्फ उनका नाम सुना था । चूंकि सारंग जी भी बरेली ( म.प्र . ) क्षेत्र के हैं और में भी उसी क्षेत्र का हूं । आज सारंग जी की उम्र 75 वर्ष से अधिक हो गई है लेकिन इतनी उम्र में भी उनकी कार्यों के प्रति एकाग्रता , प्रबंधन में पकड़ बरकरार है । इस सबके बावजूद माह में 15-20 दिन का टूर भी करते है । श्री सारंग जी में एक हुनर बहुत खूब है कि काम को कैसे करें और कैसे कराया जाए इसकी शैली अद्भुत है । वह कार्यों को बिना रुके , बिना थके अंजाम तक पहुंचाकर रुकते हैं । उनका व्यकित्व प्रभावशाली है । उनका स्वभाव शालीन , मृदुभाषी एवं मिलनसार है । बड़ों का आदर और छोटों को बहुत सारा स्नेह यह उनकी खूबियां हैं । पारिवारिक सदस्यों के जैसा ही उनका कार्यालय के लोगों के साथ व्यवहार रहता है ।
ऐसा कहा जाता है कि यह गुण सारंग जी में शुरू से ही है । उन्होंने कभी भी कामों में लापरवाही नहीं की और न ही लापरवाही बर्दाश्त की । उनके राजनैतिक जीवन की कार्यशैली उस समय के लोगों के मुँह जुबानी सुनी है । छोटे से छोटे और बड़े से बड़ा काम कैसे किया जाए इसकी काबिलियत उनमें विद्यमान है । अपने जीवन में उन्होंने कई बड़े से बड़े कार्यों का बखूबी अंजाम दिया हैं वह चाहे राजनैतिक स्तर के हो या सामाजिक स्तर के एक बेहतर प्रबंधक में कितने गुण होने चाहिए , वह उनमें कूट - कूट कर भरे हुए हैं । वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी है । सारंग जी का राजनैतिक कैरियर जनसंघ से शुरू हुआ था । जब देश में व प्रदेश में जनसंघ का जनाधार कम ही था ।
बचपन से सारंग जी संघ से जुड़े हुए हैं । अपने अथक प्रयासों से उन्होंने पार्टी को मजबूत किया है । उनके बारे में बताया जाता है कि जब सारंग जी कार्यालय में हुआ करते थे तब उन्होंने घण्टों - घण्टों काम किया है और वन मेन की तरह कार्य संभाला है । ऐसी अद्भुत ऊर्जा बिरले को ही मिलती है । आज वह जब उम्र के इस पड़ाव में पहुंच गए हैं तब भी उनकी कार्यों के प्रति रुचि और कुछ न कुछ करने का जुनून सवार रहता है । मैंने कभी भी उन्हें खाली बैठे नहीं देखा है । खाली समय में भी उनके दिमाग में कुछ न कुछ चलता रहता है । वह एक सफल राजनेता के अलावा एक अच्छे पत्रकार एक समाजसेवी , कुशल वक्ता और शायर भी हैं । यह सब जानते हैं कि वह भाजपा के एक कुशल संगठक , कुशल कार्यकर्ता और सफल राजनेता हैं । इसके अलावा भी उन्होंने आज कायस्थ समाज के लिए अपना योगदान दिया है उसे कभी नहीं भूला जा सकता है । देश के करोड़ों कायस्थों को एक डोर में पिरोकर इतना बड़ा संगठन खड़ा किया है । वह समाज के लिए मिसाल है । देश के हर प्रांत , हर जिले में कायस्थों का डंका पिटवाया है । कायस्थ समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते उन्होंने इस संगठन को खड़ा कर दिया है । देश के किसी भी कोने में समाज के आयोजन करवाएं , इसका पूरा श्रेय श्री सारंग जी को ही जाता है । समाज के कार्यो के लिए वह कई दिनों तक प्रदेश के दौरों पर भी रहते हैं और जब घर पर रहते हैं तो फोन के जरिए समाज की तमाम गतिविधियों पर नजर रखते हैं । मैं आज भी उनके सम्पर्क में हूं और उनकी पत्रिका से जुड़ा हुआ हूँ । मैं देखता हूं कि इस उम्र में भी एक एक गतिविधि पर नजर रखना , परामर्श देना तथा व्यवस्था बनाए रखना उनकी दिनचर्या में शामिल है । एक चीज श्री सारंग जी में है कि वह समय के बहुत पाबंद है वह चाहे अपने लिए हो या दूसरों के लिए आज भी उनकी निजी दिनचर्या में सुबह पांच बजे उठना , टहलना , समय पर अपने ऑफिस में बैठना आदि शामिल हैं । मैंने उन्हें कभी भी काम को टालते हुए नहीं देखा है । जो कुछ भी करना है तत्काल करते हैं । आज भी दर्जनों उनके शुभ चिंतक उनसे प्रतिदिन मिलने आते हैं और कुछ कामों के लिए भी आते हैं तो जो मदद उनसे बनती है उसे वह तत्काल कराने की कोशिश करते हैं यदि नहीं होता है तो मना कर देते हैं , लेकिन टालते नहीं हैं । यही कारण है कि उनके चाहने वाले हजारों लोग उनके इस गुण से प्रभावित है । मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि श्री सारंग जी को शतायु बनाएं ।
( लेखक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं )