उन्हीं की वजह से मेरी रिपोर्टिंग परिपक्व हुई -प्रकाश भटनागर ,
मैं भोपाल का नहीं हूं लेकिन भोपाल से अपनी पत्रकारिता शुरू करते ही सारंग जी के संपर्क में आया था । उनसे मेरी पहचान एक पत्रकार के रूप में हुई थी और जल्दी ही वे मेरे भी चाचा जी के रूप में तब्दील हो गए । यह उनके सहज , सरल और हंसमुख स्वभाव की वजह से ही संभव हुआ , इसमें मेरे कायस्थ होने का कोई योगदान कम से कम नहीं था । मैंने 1989 में देशबंधु से भोपाल में अपने केरियर की शुरूआत की थी । यह एक ऐसा अखबार था जिसमें किसी को उम्मीद नहीं थी कि प्रदेश में भाजपा अपने दम पर सरकार बना लेगी । यह भी तब था जब लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रदेश की चालीस में से 27 सीटें जीत चुकी थी , सिवनी से प्रहलाद पटेल निर्दलीय और चार सीटें उसके गठबंधन की सहयोगी जनता दल ने जीती थी । देशबंधु में स्वर्गीय राज भारद्वाज जी राजनीतिक संवाददाता थे और उनका मानना था कि भाजपाई बहुत असहिष्णु किस्म के लोग होते हैं और उनके बारे में सोच विचार कर ही खबर लिखना चाहिए । मैं मंदसौर का था और यहां भाजपा के प्रदेश कार्यालय मंत्री उस समय रघुजी थे , मेरा उनका मंदसौर का परिचय था इसलिए स्वाभाविक रूप से राजनीतिक रिपोर्टिंग से मेरा कोई लेना देना नहीं होते हुए भी मैं वहां आया जाया करता था । इस दौरान भाजपा में किसी की रूचि नहीं थी वहां भाजपा मेरी स्वाभाविक बीट हो गई । मुझ नौसिखिए को शुरूआत में ही राजनीतिक रिपोर्टिंग का मौका मिल गया । उस समय शीशमहल में कैलाश सारंग जी चुनावी माहौल में भाजपा की नियमित ब्रीफिंग को संबोधित करते थे और मैं इसकी रोज रिपोर्ट करता था । यह उनसे मेरे परिचय की शुरूआत थी । पटवा सरकार बनने के बाद सारंग जी भाजपा के सर्वाधिक ताकतवर लोगों में गिने जाते थे । मैं उनसे जब भी शीशमहल में जाकर मिलता था उनसे मिलने लोगों की लाईन लगी रहती थी । भोपाल का हर भाजपा कार्यकर्ता और यहां के स्थानीय पत्रकार बंधु भी उन्हें चाचा जी के नाम से संबोधित करते थे और ऐसे में मैं भी उन्हें पता नहीं कब उन्हें चाचा जी कहने लगा । बाद में भाजपा के आंतरिक विवादों के कारण सारंग जी कुछ समय पार्श्व में - रहे । उस वक्त मैंने उनके साथ बहुत समय बिताया और भाजपा और उसके नेताओं की कार्यशैली को समझने में सारंग जी से मुझे बहुत मदद मिली । इसका फायदा यह भी हुआ , ऐसा मुझे लगता है कि भाजपा और राजनीति के बारे में मेरी रिपोर्टिंग परिपक्व हुई । इसके लिए मैं जिन लोगों का ताउम्र आभारी रहूंगा , सारंग जी का स्थान उसमें सबसे ऊपर है । मैं उनके सुदीर्घ जीवन की कामना करता हूँ ।
( लेखक दैनिक ' जागरण ' समाचार सम्पादक हैं )